लैंगिक विषयों पर भेदभाव हटाने के लिए चित्रों से किया ध्यान आकर्षित
वाराणसी में प्राइड माह के अंतर्गत ट्रांसजेंडर डे ऑफ रिमेम्ब्रेंस के अवसर पर पोस्टर बनाओ ' कार्यक्रम का आयोजन
वाराणसी के आनंद पार्क, दुर्गाकुंड में सोमवार दोपहर 12 बजे बनारस क्विर प्राइड आयोजन से जुड़े हुए एलजीबीटी समुदाय के सदस्य कलर , ब्रश और ढेर सारे रंग बिरंगे पोस्टरों के साथ दिखलाई दिए. काशी विद्यापीठ और बीएचयू के कला क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थी सैकड़ों की संख्या में जुटे थे. यह आकर्षक कार्यक्रम ‘ ट्रांसजेंडर डे ऑफ रिमेम्ब्रेंस ‘ के अवसर पर आयोजित किया गया.
रिमेम्ब्रेन्स डे पर आयोजन..
आयोजन से जुड़ीं नीति ने ट्रांसजेंडर डे ऑफ रिमेम्ब्रेंस के विषय में विस्तार से बताया. ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए हिंसा झेलने और अपनी जान की कुर्बानी देनेवालों की स्मृति में दुनिया भर में हर साल 20 नवंबर को रिमेम्ब्रेन्स डे मनाया जाता है.
1999 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई. ट्रांसजेंडर रीटा हेस्टर की हत्या 1998 में मैसाचूसट्स में हुई थी. रीटा अमेरिकन-अफ्रीकन महिला थीं और वह ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की मुखर आवाज थीं.
समाज के रूढ़िवादी ढांचे के खिलाफ संघर्षरत एलजीबीटी समाज के लोग भेदभाव, उपेक्षा घृणा और हिंसा तक के शिकार होते हैं. मजाक उड़ाए जाने और बहिष्कृत किये जाने की लगातार हो रही घटनाएँ इन्हे गहरे अपराधबोध और हीनभावना से भर देती है. अंतर्मन को छलनी करने वाले इन घटनाओ को याद कर करके स्याह सफेद रंगो में कागज पर उतारकर एक तरह से समाज की मुख्य धारा से पीछे ढकेल दिए गए हिस्से को सामने लाने की कोशिश के दिन के बतौर रिमेम्बरेन्स डे को देखना चाहिए.
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कोई किशोर किशोरी शर्म और संकोच से अपने लैंगिक पसंद को बता ही नहीं पाता है और अंदर ही अंदर घुटन और कुढ़न में जलता रहता है. ऐसे में जब उसे अपने पसंद का साथी मिलता है तो वो खुश होता है. उसके जिंदगी में रस आता है मजा आता है. उसे भी औरो की तरह खुश होने का अधिकार है या नहीं ये सवाल उठाता हुआ एक पोस्टर बेहद आकर्षक बना था. घुटन ऊब संघर्ष प्रेम दोस्ती उम्मीद कामुकता मस्ती आदि भावों को दर्शाते हुए पोस्टरों ने लोगो का ध्यान आकर्षित किया.
साहसी बनो, गर्व करो…
लव इज लव प्रेम , प्रेम है , “अरे, अरे! हो, हो! होमोफोबिया दूर हो. “साहसी बनो, गर्व करो, भेदभाव का नाश हो, “ट्रांस अधिकार मानवाधिकार हैं” आदि नारे भी पोस्टर पर प्रदर्शित किये गए.
ज्ञातव्य है बनारस क्विर प्राइड शीर्षक से इस नवम्बर माह में शहर में प्राइड माह का आयोजन किया जा रहा है.
पोस्टर कार्यक्रम के बाद 24 नवम्बर को फ्री हग ( तनाव मुक्त गले मिलना) आयोजन होना है. 28 नवम्बर को फ्लैश मॉब शीर्षक से नृत्य और प्रदर्शन का आयोजन है. एलजीबी समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और जागरूकता के उद्देश्य से ‘ सफर रंगों का ‘ शीर्षक कार्यक्रम आगामी 2 दिसम्बर को काशी विद्यापीठ में होना है. इसी क्रम में बनारस प्राइड वॉक ‘ का आयोजन 3 दिसम्बर को होना है.
आज के पोस्टर निर्माण आयोजन में जुड़े लोगो में नीति, अंकित, आर्या, दिव्यांक, आयुष, वैभव, शिवांगी, परीक्षित अनुज, दीक्षा, अश्विनी, अनन्या, तुषार, अमन, प्रतीक, काजल, धनंजय, विजेता, पीयूष, विभा, अनामिका, ध्रुव, शालिनी, रणविजय आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे.