ओवरस्पीहड में कम तो बिना हेलमेट ज्यादा चालान

जाम से जूझते बनारस में यातायात नियम तोडने में बाइक सवार आगे, पुलिस मना रही यातायात माह

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बनारस में जाम की समस्यां नासूर बनी हुई है. जाम से जूझ रहे शहर में यातायात नियमों को तोड़ने में बाइक सवार सबसे अधिक हैं. आंकडों की माने तो इस साल सबसे ज्यादा चालान बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने वालों का हुआ जबकि ओवरस्पीड में सबसे कम. ओवरस्पीलड में जनवरी से 15 अक्तूबर तक महज 192 चालान हुए। हालांकि नवंबर को पुलिस यातायात माह के तौर पर मना रही है. इस दौरान कोष बढाने के लिए पुलिसकर्मियों पर दबाव भी है.

गलियों के शहर में बढा वाहनों का दबाव

शहर में वाहनों का दबाव बढा है. इस वजह से वाहनों की गति भी बढ नहीं पाती है. यातायात पुलिस के अनुसार नियम तोड़ने वालों के ऑटोमेटिक चालान चौराहे पर लगे कैमरे से होते हैं. एक जनवरी से लेकर 15 अक्तूबर तक के आंकड़ों पर गौर करें तो बिना सीट बेल्ट के कार के 2551 चालान, रेड सिग्नल तोड़ने वाले वाहनों के 25012 चालान हुए. जबकि मोबाइल फोन और इयरफोन लगाकर वाहन चलाने पर 1342 और अन्य यातायात नियमों को तोड़ने में 202313 चालान हुए हैं.

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व्यस्त बाजारों में सबसे अधिक चालान

पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी अधिकतर चौक थाना क्षेत्र में हैं. बनारसी साड़ी, सराफा, बर्तन, मिठाई, खोवा गली में खोवा, खुदरा बाजार, दालमंडी के चलते रोजाना हजारों लोगों का आना जाना होता है. ऐसे में शहर के कारोबारी, उनके कर्मचारियों को दुकान से बार-बार निकलना होता है तो हेलमेट का उपयोग ज्यादा नहीं करते हैं. मैदागिन से लेकर चौक और गोदौलिया, गिरजाघर तक इनकी आवाजाही दिन से लेकर रात तक दोपहिया से बनी रहती है. दूसरी ओर विशेश्वरगंज मंडी, कोतवाली के सप्तसागर दवा मंडी में भी लोगों के बाइक-स्कूटी से आने जाने का सिलसिला जारी रहता है.

यातायात पुलिस के अनुसार दोपहिया वाहन चालकों को लगातार हेलमेट के प्रति जागरूक किया जाता है. यातायात पुलिस के अनुसार दोपहिया के चालान में रिकार्ड जनवरी और अक्तूबर माह में टूटा है. जनवरी माह में 35824 चालान तो अक्तूबर माह के सिर्फ पंद्रह दिन में ही 15887 चालान कट गए. न्यू ईयर का जश्न मनाने और अक्तूबर में दुर्गा पूजा भ्रमण के दौरान भी दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट के सड़कों पर निकलते हैं. एडीसीपी यातायात राजेश पांडेय का कहना है कि यातायात नियमों के पालन को लेकर लगातार सभी को जागरूक किया जा रहा है. पहले से लोग जागरूक भी हुए हैं. हेलमेट के प्रति लोगों को अधिक जागरूक किया जा रहा है, ताकि जीवन सुरक्षित रहे.

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