….इस वजह से 14 नवंबर को मनाया जाता है बाल दिवस ?

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देश भर में आज बच्चों का दिन यानी बाल दिवस मनाया जा रहा है. हर साल पूरे भारत में यह दिन 14 नवंबर को मनाया जाता है. यह दिवस बचपन की भावना का जश्न मनाने और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. देश में चाचा नेहरू के नाम से मशहूर पंडित जवाहर लाल नेहरू एक दिग्गज से कहीं ज्यादा एक दूरदर्शी व्यक्ति थे. वह युवाओं के दिमाग के विकास में विश्वास करते थे. इसके अलावा उन्हें बच्चों से काफी लगाव भी था. इसी वजह से उनके जन्मदिन के अवसर पर बाल दिवस मनाया जाता है. इस दिन स्कूल, कॉलेज और बच्चों से जुड़े अन्य संगठन भी इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं. इसके साथ ही आइए जानते है क्या है इस दिवस का इतिहास और महत्व…

पहले मनाया जाता था पुष्प दिवस

14 नवंबर 1889 को जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था. इसलिए 14 नवंबर को हर साल देशभर में यह दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. आपको बता दें कि, पहली बार बाल दिवस 5 नवंबर 1948 को “पुष्प दिवस” के रूप में मनाया गया था. इसके बाद इसमें बदलाव करते हुए साल 1954 में बाल दिवस की तारीख में बदलाव करते हुए इसे 14 नवंबर को 1954 को मनाया गया. वहीं 27 मई, 1964 को नेहरूजी की मृत्यु के बाद बाल दिवस मनाने का विचार उठा. पूरे देश में उनकी विरासत और बच्चों के अधिकारों और शिक्षा के लिए उनकी वकालत का सम्मान करने के लिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसके बाद साल 1964 से चाचा नेहरू के जन्मदिवस के दिन बाल दिवस मनाया जाने लगा.

बाल दिवस मनाने के पीछे का उददेश्य

“आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे,” जवाहरलाल नेहरू ने कहा था. बाल दिवस मनाने का मूल उद्देश्य बच्चों के अधिकारों, आवश्यकताओं और कल्याण के बारे में लोगों को जागरूक करना है. बाल दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि देश भर में बच्चों को अभी भी शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की कमी है. बाल दिवस, हालांकि, बचपन की मासूमियत और खुशी को मनाने का एक और तरीका है।

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कैसे मनाया जाता है बाल दिवस

देश भर के कई स्कूल बाल दिवस को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। कुछ स्कूलों में शिक्षक बच्चों के लिए एक मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कुछ अन्य लोग बच्चों को कभी-कभी उनके स्कूलों में नाश्ता और मिठाइयां दी जाती हैं।

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