बनारस: सड़कों पर दौड़ रहे ‘यमदूत‘! जान बचा कर…

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वाराणसी: भिखारीपुर तिराहे के पास शुक्रवार की सुबह बालू लदे ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आने से कक्षा छह के छात्र सौरभ भट्टाचार्य की मौत के बाद सड़कों पर पर यमदूत बनकर दौड़ रही ट्रैक्टर ट्रालियों पर एक बार फिर लगाम लगाने की पुलिस प्रशासन ने कवायद शुरू की है. पुलिस कमिश्नरेट ने शहर में कृषि कार्य में लगे ट्रैक्टर-ट्रलियों पर सख्ती से नो एंट्री लागू करने का आदेश जारी किया है. शहर में सुबह सात बजे से रात दस बजे तक नो एंट्री लागू रहेगी। हालांकि जिले में पिछले वर्षों में दर्जनों ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। हर बार हंगामा,  चक्काजाम व बवाल के बाद पुलिस नो एंट्री का आदेश, निर्देश जारी करती है। लेकिन कुछ दिनों बाद ट्रैक्टर ट्रलियां सड़कों पर फर्राटे भरने लगती हैं। पुलिस की मिलीभगत के भी हमेशा आरोप लगते रहते हैं। लेकिन इसका ठोस हल आज तक नहीं निकल सका है।

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अभिभावकों ने पुलिस कमिश्नर को भेजा था पत्र

गौरतलब है कि मृत छात्र अपने परिवार का इकलौता चिराग था। उसकी मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। उधर, सेंट जांस स्कूल के छात्रों के अभिभावकों ने पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाने के साथ ही भेलूपुर इंस्पेक्टर, सुंदरपुर चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

बता दें कि  भेलूपुर थाना क्षेत्र के गायत्री नगर कालोनी प्रसून भट्टाचार्य बच्चे सौरभ को स्कूटी से लेकर बीएलडब्ल्यू सेंट जॉन्स छोड़ने जा रहे थे। भिखारीपुर तिराहे पर बालू लदे तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने स्कूटी में पीछे से टक्कर मार दी। सौरभ उछलकर सड़क पर गिरा और ट्रैक्टर ने उसे रौंद दिया। उसे नजदीकी चिकित्सालय ले जाया गया। हालत गंभीर देख उसे बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इस घटना के बाद यमदूत बनकर सड़कों पर दौड़ रही ट्रैक्टर ट्रलियों पर रोक लगाने की मांग सोशल मीडिया पर तेज हो गई। कहा गया कि अक्सर दुर्घटनाएं होती है और ड्राइवर फरार हो जाते हैं। पुलिस ट्रैक्टर सीज कर खानापूर्ति करती है।

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