मुंबई में मराठा मूक मोर्चा का फायदा भाजपा को
महाराष्ट्र के प्रभावशाली मराठा समुदाय की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में आज निकले ‘मराठा मूक मोर्चा’ में समुदाय के लाखों लोगों ने हिस्सा लिया और इसका फायदा सीधे सीधे भाजपा को मिलता दिखा। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में पिछले कुछ समय से निकल रहे मराठा मूक मोर्चो की श्रृंखला में यह अंतिम मोर्चा था।
शायद यही कारण है कि मुंबई की सड़कों पर उतरे मराठाओं की मांगों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत कुछ बड़े ऐलान किए। सरकार ने सीधे तौर पर आरक्षण की मांग को तो नहीं माना, लेकिन उस दिशा में आगे बढ़ने को लेकर अहम कदम उठाने की बात कही। सीएम ने विधानसभा में कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को बैकवर्ड क्लास कमिशन को रिफर कर दिया है, जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कमिशन से निवेदन करेगी कि वह तेजी से काम करे और अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में जमा करे।
लेकिन इसके साथ ही लोगों में यह डर भी समा गया कि अन्य बिरादरियां भी ऐसा मोर्चा निकालेंगी। फिर तो स्थिति असहज हो जायेगी।
अबतक ऐसा माना जा रहा था कि मराठा समाज कांग्रेस को समर्थन देता है पर इस बार यह समाज भाजपा की ओर झुकता दिख रहा है।
यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि शिक्षा के मामले में मराठा समुदाय के बच्चों को वे सारी सुविधाएं और छूट दी जाएंगी जो अभी ओबीसी छात्रों को मिल रही है। फिलहाल ओबीसी वर्ग के छात्रों को 605 स्ट्रीम्स में छूट मिलती है, जो अब मराठा समुदाय को भी दी जाएंगी। साथ ही यह भी घोषणा की गई है कि हर जिले में मराठा छात्रों के लिए हॉस्टल बनाया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों को 5 करोड़ का फंड दिया जाएगा।
आधिकारिक मूक मोर्चा भायखला से शुरू हुआ। इसका समापन आजाद मैदान पर हुआ। इन दोनों जगहों की दूरी करीब छह किमी है। लाखों लोग खामोशी से और शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस निकाल रहे हैं। लेकिन, इस शांतिपूर्ण जुलूस ने सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान को बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है।
मोर्चा के आयोजकों का दावा था कि 20 लोग लाख लोग इस मोर्चे में शामिल होंगे पर पुलिस ने बताया कि पांच लाख लोग शामिल थे।
कई राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने भी जुलूस में भाग लिया और जुलूस में भाग लेने वालों से संवाद किया।
मराठा क्रांति मोर्चा ने 9 अगस्त 2016 को 57 शहरों से इस जुलूस को निकालने के बाद बुधवार को राज्य की राजधानी मुंबई में प्रवेश किया। इस साल भर लंबे चले अभियान में बुधवार शाम को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आरक्षण के लिए एक ज्ञापन देकर इसका समापन किया गया।
मराठा मोर्चा निकलने के बाद महाराष्ट्र में थोड़ा बहुत बदलाव आगामी दिनों समाज में भी दिख सकता है।