आज अतीक-अशरफ मर्डर केस की कोर्ट में सुनवाई, सरकार ने दाखिल की है स्टेटस रिपोर्ट…
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में 15 अप्रैल को मारे गए माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या की आज सीजेएम कोर्ट में पेशी होगी. तीनों आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाएगा. उनकी आज न्यायिक हिरासत खत्म हो रही हैं. जिसके बाद आज उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा. माना जा रहा है कि कोर्ट एक बार फिर से तीनों आरपियों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है.
तीनों शूटरों की सीजेएम कोर्ट में पेशी….
बता दे कि अतीक-अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या को मौके से ही गिरफ्तार किया गया था. आज दोपहर के बाद सीजेएम दिनेश कुमार गौतम की अदालत में इनकी पेशी की जाएगी. इससे पहले 20 जून को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ाई थी. तीनों शूटर अभी प्रतापगढ़ की जिला जेल में बंद है. इससे पहले उन्हें कुछ समय के लिए प्रयागराज की नैनी जेल में रखा गया था. लेकिन इस जेल में अतीक के बेटे को भी रखा गया था. जिसके बाद सुरक्षा कारणों को देखते हुए उन्हें प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया.
ताबड़तोड़ फायरिंग कर उतारा था मौत के घाट…
बता दें कि यूपी के प्रयागराज में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात तीन शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. आरोपियों की पहचान अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी के रूप में हुई थी. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक के पहुंचे थे. इसके बाद जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोल गोलियां चलीं. जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगी थी. अब बहन आयशा नूरी ने इस हत्याकांड पर सवाल उठाएं हैं. उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है. जिसमें मांग किया गया है. कि इस केस की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी से कराई जाए. इस याचिका में अतीक के तीसरे नंबर के बेटे असद के एनकाउंटर की भी जांच की मांग की गई है।
यूपी और केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार…
बहन आयशा नूरी ने अपने दोनों भाइयों और भतीजे की हत्या के लिए यूपी और केंद्र सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है. उसका आरोप है कि सरकार के इशारे पर ये हत्याएं हुई हैं. इस मामले में पुलिस अधिकारियों को यूपी सरकार का पूरा सहयोग मिला है. उसने भाइयों की हत्या के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है. साथ ही एसटीएफ के मुखिया अमिताभ यश को भी पक्षकार बनाया है।
रिटायर जज की अध्यक्षता में केस की सुनवाई…
इस चर्चित हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशाल तिवारी ने याचिका दायर की है. जिसमें इस केस की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज की अध्यक्षता में इस केस की सुनवाई की जानी चाहिए. इसके लिए स्वतंत्र समिति गठित की जाए।
183 एनकाउंटर पर भी उठाए गए सवाल…
इसके अलावा पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी लेटर पिटीशन दाखिल की है. अमिताभ ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है. उन्होंने लेटर पिटीशन में कहा है कि ‘भले ही अतीक अहमद और उसका भाई अपराधी हों, मगर जिस तरह से उनकी हत्या हुई, उससे इस घटना के राज्य पोषित होने की पर्याप्त संभावना दिखती है. याचिका में योगी सरकार में अभी तक कुल 183 एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए गए हैं. जिसे यूपी पुलिस ने खुद स्वीकार किया है।
सुप्रीम कोर्ट का हत्या पर पहले ही संज्ञान…
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अतीक और अशरफ की हत्या का संज्ञान लिया है. राज्य सरकार से पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने इस बात पर भी सवाल उठाए हैं कि अस्पताल ले जाते समय उन्हें मीडिया के सामने क्यों लाया गया था. इसके कारण दोनों को लाइव टेलीविजन पर मार दिया गया. अदालत ने अतीक अहमद, उसके भाई दानिश अजीम उर्फ अशरफ् और पिछले पांच वर्षों में यूपी में हुई 183 पुलिस एनकाउंटर में मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर आदेश जारी किया. वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था।
उमेश पाल हत्याकांड में आया था नाम
24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में अतीक के बेटे असद, शूटर और अतीक के खास गुर्गे विजय चौधरी उर्फ उस्मान, मोहम्मद गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, अरबाज का नाम आया था. इस हत्याकांड में अतीक अहमद, अशरफ और अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन अभियुक्त हैं. बाद में पुलिस ने अतीक की बहन आयशा नूरी और उसके पति अखलाक को भी मुस्लिम गुड्डू को अपने मेरठ स्थित घर में पनाह देने के आरोप में अभियुक्त बनाया था.आयशा नूरी, शाइस्ता परवीन और अशरफ की बीवी जैनब फातिमा फरार चल रहे हैं।
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