राजधानी दिल्ली में अस्पताल का बुरा हाल, ना एंबुलेंस और ड्राइवर समेत 50 % स्टाफ की कमी…कैसे होता है मरीजों का इलाज?

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वाराणसी: देश की राजधानी में मेडिकल सुविधा को दुरुस्त करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहा है. इस दौर में भी देश की राजधानी में एक ऐसा अस्पताल है जहां पर पिछले कई सालों से ना तो एम्बुलेंस है और ना ही ड्राइवर, दरअसल इस बात का पता सबको तब हुआ जब दिल्ली की मेयर डॉक्टर शैली ओबेरॉय ने अचानक से दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु मार्ग स्थित गिरधारी लाल मैटरनिटी अस्पताल का निरक्षण किया. अस्पताल में मौजूद चिकित्सको और अफसरों के साथ मेयर डॉक्टर शैली ओबरॉय ने मरीजों से उनका हालचाल जाना और इसके आलावा अन्य इलाज संबंधित व्यवस्थाओं और मेडिकल स्टाफ की मौजूदगी को लेकर अस्पताल का गंभीरता से निरीक्षण किया. निरक्षण के दौरान मेयर अस्पताल की अव्यवस्थाओं और डॉक्टरों की शैली देख हक़ रहे गई. जिसके पश्चात मेयर ने वहां के कर्मचारियों को आज्ञा देते हुए कहा कि मरीजों की इलाज संबंधित सभी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए.

” दूरदराज के मरीजों को कैसे लाया जाता होगा अस्पताल ” ?

दिल्ली के गिरधारी लाल मैटरनिटी अस्पताल में जब मेयर डॉक्टर शैली ओबरॉय ने अचानक से निरक्षण किया तो वह प्राथमिक सुविधाओं का अभाव देखकर दंग रहे गई. निरक्षण के दौरान उन्हें इस बात का पता चला कि अस्पताल में कई सालों से एंबुलेंस और ड्राइवर तक नहीं है, इसके आलावा अस्पताल में 50 परसेंट मेडिकल स्टाफ की भी कमी है. जिस पर उन्होंने कर्मचारियों से पूछा कि प्रसव पीड़ा के दौरान अगर महिलाओं को चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता होती है तो दूर दराज से लाने की व्यवस्था आखिर कैसे की जाती है ? जिसका कर्मचारियों के पास कोई उचित जवाब नहीं था. मेयर के औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों व कर्मचारियों के हाथ-पांव फूलने लगे. जिसके बाद मेडिकल सुविधाओं का अभाव देखकर मेयर ने चिकित्सकों से जल्द से जल्द व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की सख्त हिदायत दी है. खास तौर पर इस अस्पताल में मां बच्चों के इलाज से संबंधित हर मूलभूत सुविधाओं को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का दिशा निर्देश दिया है.

” दिल्ली में होंगे अब 1000 मोहल्ला क्लीनिक “

बीतें कुछ दिनों में दिल्ली सरकार के मंत्री द्वारा राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी सुविधाओं को और सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया. इसके अलावा उनके द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि आने वाले 3 महीनों में दिल्ली को 200 से अधिक मोहल्ला क्लीनिक मिलने वाले हैं जिसकी मदद से लोगों को अपने क्षेत्र में ही बेहतर और मुफ्त इलाज मिल सकेगा. 200 मोहल्ला क्लीनिक मिलने के बाद दिल्ली में कुल मोहल्ला क्लीनिक की संख्या 720 से अधिक हो जाएगी. और आने वाले वर्षों में इसे 1000 करने का लक्ष्य रखा गया है.

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