CM बीरेन सिंह के दौरे से पहले फूंक दिया मंच, धरा 144 लागू… इंटरनेट सेवा बंद
वाराणसी: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का चूराचांदपुर जिले में कार्यक्रम होने वाला था, लेकिन इस कार्यक्रम स्थल को उग्र भीड़ ने गुरुवार को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने बताया कि स्थिति काफी तनावपूर्ण है, हमने सुरक्षा को बढ़ा दिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह यहां एक जिम और खेल उद्यान का उद्घाटन करने वाले थे।
वहीं इस घटना के बाद मणिपुर सरकार ने चूराचांदपुर जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। साथ ही धारा 144 को लागू कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना हो। चूरचांदपुर के एडीएम एस टी गांगटे ने बताया कि यह फैसला शांति को बहाल करने, लोगों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है।
Manipur | Mob set fire to an open gym constructed at PT Sports Complex in New Lamka, Churachandpur District yesterday which was to be inaugurated by CM N Biren Singh. The mob also vandalised the public meeting venue at Sadhbhav Mandap.
Following the incident, Internet has been… pic.twitter.com/tMh4gZpI8c
— ANI (@ANI) April 28, 2023
घटनास्थल की तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमे देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में कार्यक्रम स्थल पर भीड़ पहुंचती है और कुर्सी और अन्य सामान को तोड़ने लगती है। इन लोगों ने यहां तमाम चीजों के साथ तोड़फोड़ के बाद उसे आग के हवाले कर दिया। हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से यह नहीं बताया गया है कि सीएम का कार्यक्रम रद्द हुआ है या नहीं।
रिपोर्ट के अनुसार यह प्रदर्शन स्थानीय आदिवासी संगठन Triabl Leaders Forum कर रहा है। प्रदर्शनकारियों को इस बात से आपत्ति है कि भाजपा सरकार द्वारा संरक्षित और रिजर्व्ड जंगल और झीलों का सर्वे करा रही है।
फोरम का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने चर्चों को ध्वस्त किया है, भाजपा सरकार पवित्र स्थलों का कोई सम्मान नहीं करती है। फोरम की ओर से बयान जारी करके कहा गया है कि हम मजबूर होकर सरकार और इसके कार्यक्रम के खिलाफ असहयोग अभियान चला रहे हैं। आज फोरम ने जिले में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक बंद का ऐलान किया है।
कूकी छात्र संगठन ने भी फोरम का समर्थन किया है। कूकी छात्र संगठन ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार आदिवासियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
पिछले महीने सरकार ने मणिपुर में तीन चर्च को अवैध बताते हुए उसे ध्वस्त कर दिया था। स्थानीय संगठन ने इसके बाद मणिपुर हाई कोर्ट का रुख किया था। चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने कहा थाकि दस्तावेज के आधार पर लोगों को चर्च से बाहर किया गया था। पुलिस का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार है।
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