सर्वे: 79% लोगों का कहना हमारे इलाके में स्ट्रीट डॉग का हमला आम बात, एक साल में बढ़ा 61% स्ट्रीट डॉग का आतंक

0

वाराणसी: देश के कई अलग-अलग हिस्सों में कई ऐसे बड़े मामले हो चुकें हैं. जिसमे कुत्ते के काटने के कारण बच्चे व बुजुर्गों की जान चली गई है. स्थानीय हलकों ने जब इस बात को गंभीरता से लिया और देशभर में सर्वे करवाया तो 79% लोगों का कहना था कि उनके इलाके में आवारा कुत्तों के द्वारा हमला होना आम बात हो गई है. चौकाने वाली बात तो यह है कि ऐसा कहने वालों की की तादाद पिछले साल तक सिर्फ 61% थी. इसका मतलब यह हुआ कि एक साल में कुत्तों के काटने के मामले बढे हैं. अब इसमें सवाल यह उठता है कि आखिर अचानक से ऐसा क्यों हुआ, क्या पालतू पेट्स रखने वाले लोग कुत्तों को हमला करने की ट्रैंनिंग दे रहे है? जब इस साल को एक सर्वे द्वारा पूछा गया तो 48% लोगों ने हां जवाब दिया और 42% ने नाकारा, वहीं 10% लोगों ने इसपर जवाब नहीं दिया.

सर्वे में 71% लोगों का कहना था कि केंद्र सरकार को स्वच्छ भारत अभियान के तहत आवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए फंडिंग करनी चाहिए और शहरों की रैंकिंग के वक्त इसे अहम कसौटी बनाना चाहिए. सर्वे में देश के 326 जिलों से 53 हजार प्रतिक्रियाएं मिली थीं.

बता दें कि हाल ही में ऐनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया से सलाह कर मिनिस्ट्री ऑफ ऐनिमल हज्बैंड्री ने राज्यों से कहा है कि वे स्थानीय शासन और आरडब्ल्यूए की मदद से 10 मई 2023 को लाए गए ऐनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स को लागू करवाए।

क्या आपके इलाके में आवारा या पालतू कुत्तों के हमले की घटनाएं होती हैं?

51% हां, आवारा कुत्तों के हमले आम हैं
3% हां, पालतू कुत्तों के हमले आम हैं
28% हां, पालतू या आवारा कुत्तों के हमले आम हैं
17% नहीं, ऐसे हमले कभी कभार होते हैं
1% बता नहीं सके

क्या आपके इलाके में म्युनिसिपल अथॉरिटी आवारा कुत्तों को सही से संभालती है?

7% हां, आवारा या पालतू कुत्तों के मामले में वे सही काम करते हैं
3% हां, आवारा कुत्तों के मामले में करते हैं पर पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं
7% हां, पालतू कुत्तों का जरूरी रजिस्ट्रेशन होता है पर आवारा कुत्तों पर कंट्रोल नहीं
79% पालतू हों या आवारा कुत्ते, उन पर कोई लगाम नहीं रखी जाती
4% बता नहीं सके

क्या आप जानते हैं?

भारत में 6.2 करोड़ आवारा कुत्ते और 91 लाख बिल्लियां हैं

आवारा कुत्तों की आबादी एक दशक में घटी…
साल 2012 1.7 करोड़
साल 2021 1.6 करोड़

कुत्तों के काटने के मामले सबसे ज्यादा यहां…

तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और गुजरात

 

यह भी पढ़ें: Explainer: कैसे भारतीय रुपया तोड़ेगा चीनी युआन की कमर, रूबल के जरिए करेगा राज

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More