साल 2046 में धरती से टकराएगा ये ऐस्टरॉइड ? NASA के रिस्क लिस्ट में सबसे ऊपर
अंतरिक्ष अनंत है और इसका माप करना अभी मानव के हाथ में नहीं है। लेकिन पिछले कुछ सालों में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने नई जेनरेशन के टेलीस्कोप अवश्य ईजाद कर लिए हैं जिनकी मदद से अब अंतरिक्ष में लाखों वर्ष दूर तक पहुंचा जा सकता है। वैज्ञानिक बताते आए हैं कि ग्रहों और तारों के अलावा हमारे अंतरिक्ष में बहुत सी ऐसी खगोलीय वस्तुएं हैं जिनके बारे में हम अभी बहुत कम जानते हैं। इनमें से एस्टरॉयड भी एक है। ये ऐसे खगोलीय पिंड हैं जो लगातार हमारे सौरमंडल में चक्कर काटते रहते हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक हाल ही में खोजे गए एस्टरॉयड की निगरानी कर रही है। इस ऐस्टरॉइड को लेकर आशंका जताई जा रहा है कि यह साल 2046 में धरती से टकरा सकता है। हालांकि नासा के मुताबिक इसके टकराने की आशंका ‘बहुत कम’ है। नासा के मुताबिक यह ऐस्टरॉइड साल 2046 में वेलेंटाइन डे के दिन धरती से टकरा सकता है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक 625 में से 1 का चांस है कि यह ऐस्टरॉइड धरती से टकरा सकता है। इस ऐस्टरॉइड ओलंपिक के स्विमिंग पूल के आकार के जितने ऐस्टरॉइड का नाम ‘2023 DW’ है और नासा के रिस्क लिस्ट में एक मात्र ऑब्जेक्ट है
नासा के रिस्क लिस्ट में है कई…
सीएनएन के मुताबिक यह सामान्य है कि जब किसी ऐस्टरॉइड की खोज होती है तो शुरू में ज्यादा खतरनाक माना जाता है। हालांकि जब इस नए ऐस्टरॉइड की और ज्यादा विश्लेषण किया जाता है तो खतरे की आशंका कम हो जाती है। नासा के रिस्क लिस्ट में 1448 ऐस्टरॉइड हैं और इनमें 2023 DW का खतरा सबसे ज्यादा है। यह ऐस्टरॉइड अगले दो दशक तक धरती की ओर नहीं आने जा रहा है। यह ऐस्टरॉइड 160 फुट का है। ऐस्टरॉइड 2023 DW सूरज के चक्कर लगा रहा है।
नासा के मुताबिक साल 2047 से 2054 के बीच में 9 अन्य ऐस्टरॉइड धरती के करीब आएंगे। यह आसमानी चट्टान 2 फरवरी को पहली बार अंतरिक्ष में नजर आई थी। यह ऐस्टरॉइड 25 किमी प्रति सेकंड से यात्रा कर रही है और अभी यह धरती से 1 करोड़ 80 लाख किमी की दूरी पर है। यह प्रत्यक 271 दिन में सूरज के चक्कर लगा रही है। नासा ने हाल ही में अपने डार्ट मिशन का सफल परीक्षण किया था। इसके जरिए वह अब किसी ऐस्टरॉइड को रास्ते में बर्बाद करने की तकनीक में सफल हो गई है।
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