महंगी हुई होम और कार लोन की ईएमआई, रिज़र्व बैंक ने बढाया रेपो रेट, जानें आपके ऊपर इसका असर
एक बार फिर महंगाई की मार आम जनता पर पड़ी है। दो दिनों से चल रही मौद्रिक नीति की बैठक ने आज फिर से रेपो रेट बढ़ाने का फैसला ले लिया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि RBI ने रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है। बता दें, इससे पहले हुई सभी 5 बैठकों में रेटो रेट में बढ़ोतरी की गई थी। सरकार ने आरबीआई को महंगाई को छह प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। महंगाई दर जनवरी, 2022 से तीन तिमाहियों तक लगातार छह प्रतिशत से ऊपर बनी रही। इसमें नवंबर और दिसंबर 2022 में कुछ राहत मिली थी।
RBI Governor Shaktikanta Das announces that RBI increases the repo rate by 25 basis points to 6.5% pic.twitter.com/2ZyUSbCxEO
— ANI (@ANI) February 8, 2023
क्या है रेपो रेट…
आसान शब्दों में समझें तो रेपो रेट का मतलब है रिजर्व बैंक द्वारा अन्य बैकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर. बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रदान करता है. जिस तरह लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा लेकर ब्याज चुकाते हैं. उसी तरह सभी बैंक, आरबीआई (RBI) से लोन लेते हैं. आरबीआई जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे ही रेपो रेट कहा जाता है.
पिछले साल में 5 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी…
1. मई – 0.4 %
2. 8 जून -0.5 %
3. 5 अगस्त – 0.5 %
4. 30 सितंबर – 0.5 %
5. 7 दिसंबर – 0.35 %
रेपो रेट बढ़ाने का कारण है महंगाई पर काबू पाना…
देश में बढ़ती महंगाई के कारण कई बार लोगों को जरूरत की चीजें खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं। रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में बढ़ोतरी कर इसी महंगाई पर काबू पाने की कोशिश करते हैं। जनता पर ज्यादा बोझ नहीं पड़े इसके लिए भी काफी ध्यान रखा जाता है। आमतौर पर 0.50 या इससे कम की बढ़ोतरी की जाती है। कोविड के समय में इसमें सबसे ज्यादा 4 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई थी। इसकी वजह से होम, कार और पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी बढ़ जाती है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी होने से जनता पर इस तरह बढ़ता है बोझ…
रेपो रेट में इजाफा होने की वजह से लोन लेने वाले लोगों को ईएमआई देने में परेशानी होती है। दरअसल इससे ब्याज दरें बढ़ जाती है। आरबीआई लोगों को ध्यान में रखते हुए ही जिसकी दरें बढ़ाने का काम करते हैं। जो लोग किसी कारण से ईएमआई नहीं दे पाते हैं उन्हें कुछ महीने के लिए रियायत भी दी जाती है। कोविड के समय में लॉकडाउन लग जाने के कारण आमदनी नहीं होने पर कई लोगों को ईएमआई भरने में रियायत दी गई थी।
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