हिन्दू धर्म के अनुसार हर दिन किसी न किसी देवता को अर्पित है ऐसी मान्यता है कि शनिवार का दिन को विशेष रूप से शनिदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है. शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. क्योंकि शनिदेव हमारे कर्मों का लेखा जोखा करते हैं और हमे हमारे कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. ऐसे में आज हम आपको शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के बारे में बताने जा रहे हैं. यदि आप शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा विधि-विधान से करते हैं तो आपको रंक से राजा बनने में देर नहीं लगेगी. लेकिन यदि आप शनिदेव की पूजा के दौरान कुछ गलतियां भूल से भी करते हैं तो शनिदेव नाराज हो जाएंगे और इसका खामियाजा आपको भुगतना पड़ सकता है.
शनिदेव की पूजा करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान…
तांबे के बर्तन का प्रयोग बिलकुल न करें…
शनिदेव की पूजा करते समय गलती से भी तांबे के बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि तांबे का संबंध सूर्य देव से होता है और सूर्यदेव शनिदेव के कट्टर शत्रु हैं. इसलिए तांबे के बर्तन का उपयोग करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं. ऐसे में कभी भी शनिदेव की पूजा करते समय लोहे के बर्तन का उपयोग करें.
लाल रंग का भूल के भी न करें प्रयोग…
शनिदेव की पूजा करते समय गलती से भी लाल रंग के पुष्प या कपड़े का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि लाल रंग को मंगल ग्रह का प्रतीक माना जाता है और शनिदेव का मंगल ग्रह कट्टर शत्रु है. इसलिए शनिदेव की पूजा हमेशा काले या नीले रंग के वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए.
आंख बंद करके करें पूजा…
शनिदेव की पूजा करते समय गलती से भी उनके प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करना चाहिए और न ही पूजा के दौरान शनिदेव की आंखों में देखना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव नाराज होते हैं. इसलिए शनिदेव की पूजा हमेशा आंख बंद करके करनी चाहिए.
दिशा का ध्यान रखना है जरुरी…
शनिदेव की पूजा कभी भी पूर्व दिशा में नहीं करनी चाहिए, क्योंकि शनिदेव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं. इसलिए शनिदेव की पूजा करते समय पश्चिम दिशा में मुंह करके पूजा करनी चाहिए. साथ ही इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि शनिदेव के सामने कभी तन के नहीं खड़ा होना चाहिए.
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