आज के दिन पहली बार गाया गया था ‘जन गण मन’, जानिए हमारे राष्ट्रगान से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स
भारत में राष्ट्रीय पर्व के उपलक्ष्य में राष्ट्रगान बजाया और गाया जाता है. जब भी ये राष्ट्रगीत बजता है तो इसके सम्मान में हर कोई तुरंत खड़ा हो जाता है. कानून के मुताबिक, राष्ट्रगान गाने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता. राष्ट्रगान के रचयिता राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर थे. इसके बोल ‘जन गण मन’ हैं. आज हम आपको बताएंगे कि पहली बार राष्ट्रगान कब और किसने गाया था. साथ ही, हमारे देश के राष्ट्रगान से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स के बारे में भी बताएंगे.
राष्ट्रगान से जुड़े दिलचस्प फैक्ट्स…
1- भारत के राष्ट्रगान के रचयिता राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर थे. पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता (अब कोलकाता) अधिवेशन के दौरान राष्ट्रगान गाया गया था. नोवेल पुरस्कार विजेता और रविंद्र नाथ टैगोर की भांजी सरला ने स्कूली बच्चों के साथ बंगाली और हिंदी भाषा में इसे गाया था.
2- रवींद्रनाथ टैगोर ने 27 दिसंबर, 1911 में ही राष्ट्रगान की रचना भी की थी. उन्होंने पहले ये गीत बंगाली भाषा में लिखा था. फिर नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अनुरोध पर आबिद अली ने इसका हिंदी और उर्दू में ट्रांसलेशन किया. फिर, इसकी अंग्रेजी भाषा में भी रचना की गई थी.
3- राष्ट्रगान सबसे पहले आजाद हिंद सेना का राष्ट्रगान बना था. संयुक्त राष्ट्र महासभा में वर्ष 1947 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल से राष्ट्रगान को लेकर जानकारी मांगी गई थी. तब ‘जन गण मन’ की रिकॉर्डिंग सौंपी गई थी.
4- आज का राष्ट्रगान रवींद्रनाथ टैगोर की लिखी एक कविता से लिया गया था. ये कविता वर्ष 1911 में लिखी गई थी. कविता के वैसे तो 5 पद थे. लेकिन, इसके पहले पद को राष्ट्रगान के तौर पर लिया गया.
5- वर्ष 1919 में रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार आंध्र प्रदेश के बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज में ये गीत गाया था. तभी कॉलेज प्रशासन ने गीत को सवेरे की प्रार्थना के लिए स्वीकार कर लिया. वर्ष 1947 में देश के आजाद होने के बाद 24 जनवरी, 1950 में संविधान सभा ने ‘जन गण मन’ को भारत का राष्ट्रगान घोषित किया था.
6- राष्ट्रगान से जुड़ी एक खास बात ये भी है कि उसके बोल और धुन खुद रवींद्रनाथ टैगोर ने आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली में तैयार किए थे. अगर, कोई राष्ट्रगान के नियमों का पालन नहीं करता है और इसका अपमान करता है तो उसके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
7- हमारे राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकंड का समय लगता है. वहीं, इसकी पहली और आखिरी पंक्ति को गाने में 20 सेकंड का समय लगता है. इसे सावधान मुद्रा में खड़े होकर गाना अनिवार्य है.
8- भारत पर कब्जे के दौरान वर्ष 1870 में अंग्रेजों ने अपने गीत ‘गॉड सेव द क्वीन’ को गाना अनिवार्य किया था. तत्कालीन सरकारी अधिकारी बंकिमचंद्र चटर्जी को ये बुरा लगा और उन्होंने वर्ष 1876 में इसके विकल्प के तौर पर ‘वंदे मातरम’ गीत की रचना की थी. हालांकि, भारत को आजादी मिलने के बाद इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया गया.
9- वर्ष 1945 में बनी फिल्म ‘हमराही’ में भी राष्ट्रगान का प्रयोग हुआ था, तब इसे राष्ट्रगान का दर्जा नहीं मिला था. साथ ही राष्ट्रगान बनने से पहले ही देहरादून के प्रसिद्ध ‘द दून स्कूल’ ने इस गीत को अपना आधिकारिक गीत बना रखा था.
10- यूरोपीय देश स्पेन के राष्ट्रगान Marcha Real में एक भी शब्द नहीं हैं.
हमारा राष्ट्रगान…
जन-गण-मन अधिनायक जय हे, भारत-भाग्य-विधाता।
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा, द्रावि़ड़ उत्कल बंग।
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा, उच्छल जलधि तरंग।
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशीष मांगे, गाहे तव जय गाथा।
जन-गण मंगलदायक जय हे, भारत-भाग्य-विधाता।
जय हे! जय हे!! जय हे!!!
जय! जय! जय! जय हे!!
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