अनोखी मुहिम: आगरा के इस स्कूल में प्लास्टिक टिफिन-बोतल लाने पर पाबंदी, धर्म से जोड़कर छात्रों को सिखाये नुकसान
प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुकी है. खाने-पीने की चीजों तक पहुंची प्लास्टिक कई जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन रही है. इसके बावजूद प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है. वहीं, प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए यूपी के आगरा में स्थित एक स्कूल ने अनोखी मुहिम शुरू की है. इसके अंतर्गत, छात्रों के प्लास्टिक के टिफिन और बोतल लाने पर रोक लगा दी गई है और धर्म से जोड़ते हुए उन्हें प्लास्टिक से होने वाले नुकसानों के बारे में भी बताया जाता है.
दरअसल, बलकेश्वर स्थित गणेशराम नागर सरस्वती शिशु मंदिर ने बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए प्लास्टिक मुक्त अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत यहां पढ़ने वाले छात्रों को प्लास्टिक के टिफिन और बोतल लाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. अगर कोई छात्र इसको लेकर स्कूल आता है तो उसे जब्त कर लिया जाता है. इसके साथ ही बच्चों को बताया जाता है कि हमारे दैनिक जीवन में प्लास्टिक किस तरह से घातक है.
स्कूल की प्रधानाचार्य रश्मि अग्रवाल ने कहा
‘हमने बकायदा प्लास्टिक पर रिसर्च किया है कि प्लास्टिक छोटे बच्चों के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है. प्लास्टिक के इस्तेमाल से बच्चों की ग्रोथ रुक रही है. बच्चों का स्टडी में फोकस नहीं रहता है. घर में मां अपने बच्चों को लंच प्लास्टिक के टिफिन बॉक्स में पैक करके देती हैं. गरम खाने के संपर्क में प्लास्टिक आने से कई हार्मफुल केमिकल छोड़ता है, जो बच्चों के लिए बेहद घातक होते हैं. हमने इन चीजों को समझा और अपने स्कूल को धीरे-धीरे प्लास्टिक मुक्त कर रहे हैं. अब हमारे स्कूल के बच्चे स्टील के बर्तन, स्टील के लंच बॉक्स और पानी की बोतल लाते हैं.’
प्रधानाचार्य ने बताया
‘बच्चे टीचरों से सबसे ज्यादा सीखते हैं. इसलिए हमने सबसे पहले अपने स्कूल में आने वाले टीचरों के प्लास्टिक के टिफिन लंच बॉक्स और बोतलों पर पाबंदी लगाई. उसके बाद बच्चों पर साथ ही पेरेंट्स मीटिंग में भी जागरूक किया. इसके साथ ही पैक फूड और जंक फूड बच्चों को खाने के लिए लंच में ना दें. स्कूल में पूरी तरह से जंक फूड पर भी पाबंदी है. 7 दिनों का अलग-अलग खाने का मेन्यू स्कूल की तरफ से बच्चों के मां-बाप को भेज दिया गया है. जिसके अनुसार, बच्चे अपना दोपहर का खाना लेकर आते हैं. बच्चों के लंच बॉक्स में हेल्दी खाना होना चाहिए.’
वहीं, स्कूली बच्चों को हिंदू संस्कृति के साथ चीजों को जोड़कर बेहतर ढंग से उनके दुष्प्रभाव के बारे में पढ़ाया जाता है. प्लास्टिक को लेकर बच्चों को बताया गया कि जिस तरह से भगवान के आगे प्लास्टिक की प्लेट में भोग नहीं लगाया जाता, वह अशुद्ध मानी जाती है, तो बच्चों के लिये भी अच्छी नही है. यह बात बच्चों का आसानी से समझ आ रही है.
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