मुद्रास्फीति में गिरावट से दरों में कटौती : उर्जित पटेल
देश में निवेश में तेजी लाने की अावश्यक जरूरत को देखते हुए तथा मुद्रास्फीति में पिछले तिमाही (last quarter) आई हुई कमी अर्थात गिरावट के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्रमुख ब्याज दर में 25 आधार अंक की कटौती की है। आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल ने बुधवार को यह बातें कही।
मौद्रिक नीति समिति, मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का जोखिम कम या खतरा नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा यहां जारी तीसरी द्विमासिक नीति समीक्षा के दौरान बयान में कहा गया, “मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पाया कि मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का जोखिम कम है या फिर फिलहाल इसका खतरा नहीं है। इसी अनुसार मौद्रिक नीति में रेपो दर को 25 अंक तक घटाने का फैसला किया गया है।”
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को वाणिज्यिक बैंकों के रेपो या अल्पकालिक ऋण दर को 6.25 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया है।
“मौद्रिक नीति समिति ने पाया कि मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का जोखिम कम है या फिर फिलहाल इसका खतरा नहीं है। इसी अनुसार मौद्रिक नीति में रेपो दर को 25 अंक तक घटाने का फैसला किया गया है।”
मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के जोखिम के साथ एमपीसी का तटस्थ रूख कायम
आरबीआई के गर्वनर ने यहां मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाताओं को बताया कि मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के जोखिम के साथ एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) ने अपना तटस्थ रूख कायम रखा है।
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देश में जून में खुदरा महंगाई दर रिकार्ड गिरावट के साथ 1.54 फीसदी पर बरकरार है, जबकि औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से पता चलता है कि फैक्टरी उत्पादन गिरकर 1.7 फीसदी पर आ चुका है, जो पिछले साल के समान माह में 8 फीसदी था।
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