केदारनाथ रोपवे को ‘दोबारा’ मिली मंजूरी, परियोजना में हुआ इतना खर्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को मंजूरी मिल गई है जहां पहले सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए जाने में लोगों को 8 घंटे का सफर करना पड़ता था लेकिन अब रोपवे को मंजूरी मिलने के बाद ये 13 किलो मीटर के सफर को अब सिर्फ 30 मिनट में पूरा कर लिया जाइएगा। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई. बोर्ड बैठक में रामबाड़ा से गरूड़चट्टी में लगभग साढ़े 5 किमी पैदल मार्ग के नव निर्माण को अनुमति मिल गई है। परियोजना पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। क्या आप जानते है कि इससे पहले भी रोपवे को मंजूरी दी गई थी? आईये जानते है
वर्ष 2005 में रामबाड़ा केदारनाथ रोपवे को मंजूरी मिली थी। तब उत्तरांचल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी ने भूमि सर्वेक्षण सहित अन्य औपचारिकताएं भी पूरी की थीं। शासन को 70 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव भेजा था। शासन स्तर पर रोपवे निर्माण को पीपीपी मोड में कराने का निर्णय लिया गया लेकिन किसी भी कंपनी ने निविदा नहीं डाली। लेकिन अब इसका रास्ता साफ हो गया है।
इस तरह से होगा निर्माण कार्य: केदारनाथ के लिए 13 किमी लंबे रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड,एनएचएलएमएल ने एक कंपनी को सौंपी है। रोपवे निर्माण के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 11 हेक्टेयर भूमि अधिगृहित की गई है। 22 टॉवर के सहारे बनने वाले रोपवे के डिजायन का लेआउट भी कार्यदायी संस्था ने तैयार किया है। मार्च 2023 से सोनप्रयाग केदारनाथ रोपवे का निर्माण का कार्य शुरू करने का प्रस्ताव है। सोनप्रयाग केदारनाथ रोपवे पर चार स्टेशन गौरीकुंड, चीरबासा, लिनचोली और केदारनाथ में बनेंगे। रोपवे से एक समय में दो से ढाई हजार यात्री एक तरफा जा सकेंगे। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे से 13 किमी की दूरी लगभग 30 से 35 मिनट में पूरी हो सकेगी।