करवा चौथ व्रत आज, जानें पूजा विधि, चांद निकलने का समय व मुहूर्त
हिंदू धर्म में करवा चौथ के व्रत को काफी महत्व दिया जाता है ये व्रत सुहागिन महिलाओ के लिए काफी खास माना जाता है. वैसे इस बार का करवा चौथ व्रत 13 अक्टूबर दिन गुरूवार यानि आज है इस बार करवा चौथ का व्रत सालों बाद कई संयोग लेकर आ रहा है जिसने इस दिन की अहमियत को और बढ़ा दिया है. हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल चतुर्थी तिथि 12 अक्टूबर को रात 01 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ हो गई है, जो कि 14 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक रहेगी। आप को बतादें की 46 साल बाद ऐसा सयोग बन रहा है कि जब करवा चौथ वाले दिन गुरु ग्रह अपनी स्वराशि मीन में रहेंगे. गुरु को वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है. जब यह अपनी राशि में होते हैं तो साधक पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है.
करवा चौथ व्रत का महत्त्व पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने वाला त्योहार मन जाता है इस व्रत में भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत में महिलाएं अपने पति के लम्बी उम्र की कामना के अनुरूप इस व्रत को रखती है और सारा दिन निराजलि रहकर रात्रि को चंद्रमा देखने के बाद ही व्रत को पूरा करती है। चंद्रमा को सुख, शांति व आयु कारक माना गया है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखद होता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: करवा चौथ की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए. 13 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 01 मिनट से रात 07 बजकर 15 मिनट तक पूजा की जा सकती है. महिलाओं को पूजा के लिए पूरा 1 घंटा 14 मिनट का समय मिलेगा.
चंद निकलने समय: इस साल करवा चौथ का चांद 13 अक्टूबर को रात 8 बजकर 19 मिनट पर निकलेगा.
पूजा विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।
देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।
निर्जला व्रत का संकल्प लें।
इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है।
चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखें।
इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।