आजादी के 68 साल बाद इस गांव में पहुंची बिजली
कारगिल। आज के आधुनिक दौर में भले ही भारत चांद पर पहुंच कर पूरी दुनिया में अपनी धाक जमा रहा है, लेकिन देश के कुछ गांव इतने पीछे रह गए है कि वहां के लोग बिजली के लिए तरस जाते है।
जम्मू-कश्मीर में एक गांव ऐसा भी है जहां आजाद भारत के 68 साल बाद बिजली पहुंची है। लद्दाख खित्ते में कारगिल के 14,500 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर बसा लंकरचे ब्रोक गांव भी बिजली नेटवर्क से जुड़ गया है।
आजादी के बाद से ही इस गाव में लोग अंधेरे में अपनी जिंदगी गुजार रहे थे, लेकिन देर से ही सही 68 साल बाद गाव में बिजली पहुंच गई है। गांव में रोशनी आते ही लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया।
30 मकानों वाला यह गांव कारगिल मुख्यालय से 35 किलोमीटर की दूरी पर है। गांव के किसी-किसी घर में सोलर लाइट का प्रबंध था। गांव के लोगों के चेहरों में बिजली की रोशनी देखकर मुस्कान देखते ही बनती है।
गांव के लोगों ने बिना रोशनी के गांव में बिजली पहुंचाने के लिए ग्लोबल हिमालयन एक्सपीडेशन की भूमिका की सराहना की है। माइक्रो ग्रिड सिस्टम तकनीक के माध्यम से गांव में बिजली पहुंचाई गई है।
मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ाई करते थे बच्चे
बिजली नहीं होने से स्कूली बच्चों को मोमबत्ती और दीपक की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ रही थी। साथ ही ग्रामीणों को रात में जंगली जानवरों के आने का भी भय लगा रहता था। कई सरकारें आई और गई लेकिन इस गांव के निवासियों को अब तक बिजली के कनेक्शन नहीं मिले थे।
ऐसा भी नहीं है कि लोगों ने बिजली कनेक्शन के लिए बिजली विभाग के चक्कर नहीं लगाए। फाइलें जमा होने के बाद धूल जम जाती थी। लेकिन आजाद भारत के 68 साल बाद गांव में बिजली आने से ग्रामीण अब बहुत खुश है।