अब रेलवे स्टेशनों में प्यासे नहीं रहेंगे यात्री, दोबारा शुरू होगी वाटर वेंडिंग मशीनों की सुविधा
मार्च, 2020 में कोरोना वायरस कहर के चलते देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था। इतिहास में पहली बार महामारी के चलते ट्रेनों के पहिए थम गए। यात्री ट्रेनें बंद होने से रेलवे को काफी नुकसान झेलना पड़ा। इसके अलावा, वाटर वेडिंग मशीनों को बंद कर दिया गया। लेकिन, एक बार फिर से रेलवे स्टेशनों पर बंद चल रही वाटर वेंडिंग मशीनों को दोबारा से खोला जायेगा। इसके लिए लखनऊ डिवीजन टेंडर भी जारी कर चुका है।
ये मशीनें लगने से यात्रियों को एक बार फिर सस्ता और ठंडा पानी मिल सकेगा। वाटर वेंडिंग मशीन में एक रुपये में 300 एमएल पानी मिलता था। यदि यात्री के पास बर्तन नहीं है तो कर्मचारी कागज के गिलास में दो रुपये का पानी देते थे। इसी प्रकार आधा लीटर पानी तीन से पांच रुपये में मिलता था। एक लीटर पानी अपनी बोतल में पांच रुपये, दो लीटर आठ रुपये और पांच लीटर पानी 20 रुपये में मिलता था।
बता दें आम यात्रियों की सस्ते में ही प्यास बुझाने वाली आटोमेटिक वाटर वेडिंग मशीनें पूरी तरह से ख़राब हो चुकी है। हर प्लेटफार्म पर लगी वाटर वेडिंग मशीनें पूरी तरह से अब जंग लग चुका है। वाटर वेडिंग मशीन के ठेकेदार काम छोड़कर भाग गए और अब दूसरा कोई ठेका लेने को तैयार नहीं हुआ।
इस बारे में सीपीआरओ, पंकज कुमार सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वाटर वेंडिंग मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें कोई भी निविदा प्राप्त नहीं हुई। रेल यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने को संवेदनशील है। प्लेटफॉर्मों पर शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की जाती है। पेयजल की शुद्धता की भी जांच की जाती है।