सपनों को पूरा करने के लिए छोड़ दिया था घर, आज है ऐसी लाइफ
कभी-कभी हमारे आसपास कुछ ऐसी घटनाएं घट जाती है कि उनसे निकलना मुश्किल हो जाता है। ये घटनाएं हमारे जहन को एकदम झकझोर देती है। अक्सर हम उन घटनाओं को अपनी जिंदगी से निकालने के लिए हमें उन जगहों को भी छोड़ना पड़ जाता है, जहां ये घटनाएं घटित हुई होती हैं।
शादी के डर से छोड़ दिया घर
कुछ ऐसी ही कहानी है वैशाली शडांगुले(Vaishali) की जिसने सिर्फ इस बात से घर छोड़ने पर मजबूर हो गई थीं कि उनके घर वाले उनकी शादी करना चाहते थे लेकिन वो अभी इन शादी के बंधनों में अभी बंधना नहीं चाहती थीं। इसलिए उन्होंने घर छोड़ना मुनासिब समझा। बिना कुछ सोचे समझे वैशाली ने स्टेशन की तरफ रुख कर लिया और जा पहुंची रेलवे स्टेशन। कभी घर से भागी वैशाली आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है।
डिजाइन करती हैं सेलिब्रिटीज के कपड़े
वैशाली एक ड्रेस डिजाइनर हैं, और वो बॉलीवुड की नामचीन हस्तियों की ड्रेस डिजाइन करती हैं। वैशाली उन लोगों के लिए मिसाल हैं जो खुद के दम पर अपना एक अलग इतिहास लिखना चाहते हैं। वैशाली विदेशी पहनावे को पारंपरिक हैंडी-क्राफ्ट टेक्सटाइल के साथ मिक्स करके फ्यूजन कपड़े का डिजाइन कर रही हैं।वैशाली ने अपने इस डिजाइन को अमेजन के फैशन वीक स्प्रिंग समर 2016 में भी प्रदर्शित कर चुकी हैं। लेकिन वैशाली का ये सफर इतना आसान नहीं था।
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मध्य प्रदेश के विदिशा में हुआ था जन्म
वैशाली मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 57 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर विदिशा की रहने वाली हैं। पुरानी विचारधारा और रुढ़िवादी सोच के कारण इनका विवाह बहुत ही छोटी उम्र में मां-बाप करने की सोचने लगे। लेकिन वैशाली को ये सब मंजूर नही था वो अभी शादी जैसे बंधनों में बंधना नहीं चाहती थीं इसलिए उन्होंने रिति रिवाजों केइस बंधन को तोड़कर अपनी उड़ान भरने के लिए घर छोड़कर निकल पड़ीं अपने सपनों को पूरा करने के लिए।
स्टेशन पर खड़ी एक ट्रेन में बैठ गई और जा पहुंची मुंबई जैसे चकाचौंध भरी सड़कों पर जहां हर तरफ लोग अपनी जिंदगी में मशगूल थे। अब वैशाली को वहां न कोई जानता था न ही वैशाली(Vaishali) किसी को जानती थी। न रहने के लिए छत न ही खाने के लिए खाना।
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500 रुपए में की नौकरी
दर-दर भटकने के बाद वैशाली(Vaishali) को एक 500 रुपए की नौकरी मिली। इसी 5 सौ रुपए में वो अपना खर्च और फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के लिए उसमें से बचत भी करने लगीं। कुछ दिन बाद वैशाली नेएक छोटे से फैशन इंस्टीट्यूट में दाखिला लेकर अपने मंजिल की पहली सीढ़ी पर कदम रख दिया।
पहले स्टोर की शुरूआत
1999 में वैशाली(Vaishali) को बांद्रा-बेस्ड गारमेंट एक्सपोर्ट पाउस में काम मिल गया। तब वैशाली को 11 हजार रुपए महीने की सैलरी मिलने लगी। ये वैशाली के लिए जैसे सपनों में पंख लगने के समान था। लेकिन कुछ समय बाद ही उनका स्वास्थ खराब हो गया। जिससे उनका सारा पैसा बीमारी में खर्च होने लगा।
बाद में वैशाली(Vaishali) ने 50 हजार रुपए लोन लेकर एक खुद का अपना स्टोर खोला और फैशन की दुनिया में कुछ नया करने की ठानी। यही वो समय था जब उन्होंने शादी भी कर ली और धीरे-धीरे उनका ये छोटा सा स्टोर तीन मंजिल का स्टोर बन चुका था। आज के समय में वैशाली(Vaishali) के यहां 100 से ज्यादा लोग काम करते हैं।
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