रामवीर उपाध्याय निधन: बसपा सरकार में रहे 4 बार कैबिनेट मंत्री, फिर बीजेपी में हुए शामिल, जानें उनका राजनीतिक सफर
यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री रामवीर उपाध्याय का शुक्रवार की देर रात आगरा के रेनबो हॉस्पिटल में निधन हो गया है. उनकी उम्र करीब 65 वर्ष थी. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वे कैंसर व अन्य बीमारी से जूझ रहे थे. उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र और समर्थकों में शोक की लहर है. लगातार 25 वर्ष के राजनीतिक करियर में विजयी रहने के बाद इस साल 2022 में रामवीर ने पाला बदला और भाजपा में शामिल हो गए. बीमार रहने के बावजूद उन्होंने यह चुनाव भी लड़ा. लेकिन, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदीप चौधरी उर्फ गुड्डू ने उन्हें हरा दिया.
इससे पहले रामवीर उपाध्याय मायावती की सरकार में 4 बार ऊर्जा और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कैबिनेट मंत्री रहे थे. उपाध्याय के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने साल 1993 में अपना पहला चुनाव हाथरस विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा था. उसके बाद उन्होंने साल 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव बसपा के बैनर तले लड़े. जब-जब प्रदेश में बसपा की सरकार बनी, तब-तब रामवीर उपाध्याय कैबिनेट मंत्री बने.
रामवीर उपाध्याय ने पहले तीन चुनाव तो हाथरस विधानसभा क्षेत्र से बसपा के उम्मीदवार के रूप में लड़े और जीत हासिल की. उन्होंने एटा जिले के जलेसर लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ा था, लेकिन इस चुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे. उसके बाद साल 2012 में जब हाथरस सीट सुरक्षित हो गई तो उन्होंने यह चुनाव सिकंदराराऊ विधानसभा सीट से लड़ा. इस चुनाव में वह वहां से भी जीते. इसके बाद साल 2017 का चुनाव उन्होंने बसपा से ही सादाबाद विधानसभा क्षेत्र से लड़ा और यहां से भी जीत हासिल की.
रामवीर उपाध्याय के अन्य परिजन भी महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर रहे हैं. उनकी पत्नी पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय हाल ही में बीजेपी में शामिल हुई हैं जो जिला पंचायत की अध्यक्ष है. इससे पूर्व सीमा उपाध्याय बसपा के टिकट पर फतेहपुर सीकरी से साल 2009 में सांसद भी रह चुकी हैं. उन्होंने राज बब्बर को हराया था.
रामवीर के भाई मुकुल उपाध्याय इगलास से विधायक और उसके बाद एमएलसी रहे हैं. उनके दूसरे भाई विनोद उपाध्याय जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं. उनके छोटे भाई रामेश्वर उपाध्याय वर्तमान में भी मुरसान के ब्लॉक प्रमुख हैं. वह अपने पीछे एक बेटा और दो बेटियां छोड़ गए हैं.
इन दिनों रामवीर आगरा में शास्त्रीपुरम स्थित अपने निवास पर उपचाररत थे. रात्रि 10:00 बजे के लगभग एकाएक जब उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो आगरा के रेनबो हॉस्पिटल में ले गए, वहां उनका निधन हो गया. रामवीर के निधन की खबर मिलने के बाद देर रात उनके आगरा स्थित आवास पर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था.
बता दें रामवीर उपाध्याय का जन्म हाथरस के बामोली गांव में 1 अगस्त, 1957 को हुआ था. उनकी शिक्षा हाथरस जिले में हुई. फिर एलएलबी करके उन्होंने मेरठ तथा गाजियाबाद में वकालत भी की. साल 1991 के चुनाव से पहले वे क्षेत्र में सक्रिय हुए.