फिटनेस जैसी बड़ी समस्या से उबरने में मौका मिलेगा : बलवान

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अपने स्टार रेडर के. सेल्वामणि के चोटिल होने के बाद जयपुर पिंक पैंथर्स टीम के कोच बलवान सिंह ने माना है कि सवा तीन महीने तक चलने वाली वीवो प्रो कबड्डी लीग के दौरान फिटनेस सभी टीमों के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी।

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भारत के लिए विश्व कप जीतने वाली टीम के कोच रहे बलवान सिंह की गिनती देश के सबसे काबिल कबड्डी कोचो में होती है। लीग की शुरुआत से ही माना जा रहा था कि इसकी बढ़ी हुई अवधि के कारण आयोजकों और टीमों के सामने दो तरह की चुनौतियां हैं।

पहला-इसे बोरिंग (उबाउ) होने से बचाना और दूसरा सवा तीन महीनों तक सभी टीमों को अपने सभी प्रमुख खिलाड़ियों को चोट से बचाए रखना। लीग की जिस रोमांचक अंदाज में शुरुआत हुई है, उससे तो यही लगता है कि यह लोगों को बोर नहीं होने देगी, लेकिन सेल्वामणि जैसे अहम स्टार के चोटिल होने से जयपुर को जिस तरह का झटका लगा है, उसे देखते हुए अब बाकी की टीमें भी सचेत हो गई होंगी।

संभावनाओं को लेकर चिंतित…

हर टीम का प्रदर्शन उसके तीन-चार अहम खिलाड़ियों के इर्द-गिर्द घूमता है। अब जयपुर को ही लीजिए, सेल्वामणि के अलावा कप्तान मंजीत चिल्लर और पूर्व कप्तान जसवीर सिंह उसके लिए मैच जिताऊ तकड़ी बनाते हैं। अब जबकि सेल्वामणि चोटिल हो गए हैं, बलवान सिंह जैसा अनुभवी कोच भी टीम की आगे की संभावनाओं को लेकर चिंतित दिखाई देते हैं।

बलवान सिंह ने मीडिया से खास बातचीत में कहा, “यह हमारे लिए चिंता का सबब है। सेल्वामणि की चोट गंभीर है। एमरआई के बाद ही इसकी गम्भीरता का अंदाजा लग पाएगा। अभी यही कह सकता हूं कि अगले मैच में उनका खेल पाना तय नहीं है। वह हमारे अहम खिलाड़ी है। उनका चोटिल होना हमारे लिए नुकसानदेह है।”

फिटनेस सबसे बड़ी चुनौती होगी

बलवान ने कहा, “मेरा आकलन यह है कि इस लीग में फिटनेस सबसे बड़ी चुनौती होगी। खासतौर पर बड़े खिलाड़ियों की फिटनेस पर सभी टीमों की नजर होगी। अब हमें ही लीजिए, हमें 70 लाख का एक खिलाड़ी खोया है। हमारा पूरा संतुलन बिगड़ गया। अगर सेल्वा उस दिन चोटिल नहीं होते तो हम दिल्ली को हरा सकते थे। यही सभी टीमों का हाल है। सभी टीमें अपने कुछ अहम खिलाड़ियों को ध्यान में रखकर रणनीति बनाती हैं। अगर उनमें से एक भी खिलाड़ी चोटिल हो जाता है तो फिर सारी प्लानिंग धरी की धरी रह जाती है।”

समस्या से उबरने में मौका मिलेगा

बकौल बलवान, “इस साल लीग के साथ अच्छी बात यह है कि मैचों के बीच में काफी गैप है। जयपुर को अब अपना अगला मैच 10 दिन बाद खेलना है और इतने गैप के बाद खिलाड़ी चोट से उबर सकता है।”

बलवान ने कहा, “पहले मैचों के बीच में गैप नहीं हुआ करता था, लेकिन अब गैप है। इससे टीमों को फिटनेस जैसी बड़ी समस्या से उबरने में मौका मिलेगा।”

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