यूपी: हिंदू छात्रों को प्रार्थना में पढ़ाया जा रहा ‘कलमा’, हिंदू संगठनों ने की स्कूल के शुद्धिकरण और तालाबंदी की मांग

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यूपी के कानपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां के सीसामऊ थाना क्षेत्र के पी रोड स्थित फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल में हिंदू छात्र-छात्राओं को प्रार्थना के दौरान कलमा पढ़ाया जा रहा है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस मामले पर अभिभावकों और हिन्दू संगठनों ने जाकर हंगामा किया. मौके पर पहुंचे कमिश्नरेट पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह से सभी को शांत करवाकर मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया. लेकिन, हिंदू संगठन स्कूल के शुद्धिकरण और तालाबंदी की जिद पर अड़े हुए हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में स्कूल की एक बच्ची के साथ दो महिलाएं नजर आ रही है और वो कलमा पढ़ने का विरोध की बात कर रही हैं. वीडियो बनाने वाले ने दोनों के चेहरे नहीं लिए हैं. ट्विटर पर सीएम योगी अदित्यनाथ, यूपी पुलिस और कमिश्नरेट पुलिस को टैग करते हुए यह वीडियो शेयर किया गया है. मामला शिक्षा विभाग का होने की वजह से पुलिस ने डीएम को रिपोर्ट करते हुए जांच शुरू कर दी है. वहीं, डीएम ने भी मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.

वीडियो में महिला कह रही है कि ‘स्कूल में बच्चों को रोजाना प्रार्थना के समय कलमा पढ़ाया जाता है. महिला के पूछने पर बच्ची ने बताया कि रोज कलमा पढ़ाया जाता है. इस दौरान कुछ और महिलाओं की आवाजें भी सुनाई दे रहीं हैं, जो कि हिंदू बच्चों को कलमा पढ़ाने का विरोध कर रही हैं.’

45 सेकेंड का यह वीडियो तेजी के साथ वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी. इस मामले में एसीपी सीसामऊ निशांक शर्मा ने देर रात को बताया कि उनकी स्कूल के मैनेजर सुमित मखीजा से बात हो गई है.

उधर, स्कूल मैनेजर ने बताया है कि ‘उनके स्कूल में हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई चारों धर्मों की प्रार्थना 12-13 सालों से की जा रही है. कभी किसी ने विरोध नहीं किया. चार दिनों पहले एक अभिभावक की ओर से इसे लेकर आपत्ति जताई गई थी. अभिभावक की आपत्ति के मद्देनजर उन्होंने पूर्व में ही यह आदेश कर दिया है कि अब कोई धार्मिक प्रार्थना नहीं कराई जाएगी. सोमवार से स्कूल में केवल राष्ट्रगान होगा.’

वहीं, मामले में डीएम विशाख का कहना है कि पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में जांच का आदेश दिया गया है. सोमवार को स्कूल खुलने के बाद स्कूल प्रबंधन, छात्र-छात्राओं, अभिभावकों आदि से बात कर मामले की जांच की जाएगी.

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