अशोक स्तंभ के अनावरण पर ओवैसी ने जताई आपत्ति, बोले- इसके हकदार लोकसभा स्पीकर हैं, पीएम मोदी नहीं
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थापित नये संसद भवन की छत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने विशाल अशोक स्तंभ का अनावरण किया. जिसको लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि इसके हकदार पीएम मोदी नहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके लिखा ‘संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के प्रमुख के रूप में पीएम मोदी को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था. लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है जो सरकार के अधीनस्थ नहीं है. पीएम मोदी ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है.’
Constitution separates powers of parliament, govt & judiciary. As head of govt, @PMOIndia shouldn’t have unveiled the national emblem atop new parliament building. Speaker of Lok Sabha represents LS which isn’t subordinate to govt. @PMOIndia has violated all constitutional norms pic.twitter.com/kiuZ9IXyiv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 11, 2022
बता दें पीएम मोदी ने अशोक स्तंभ के ढांचे को समय पर तैयार करने वाले मजदूरों के साथ बातचीत की और उनके स्वास्थ्य और कुशलक्षेम के बारे में जानकारी ली. इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी भी मौजूद थे.
PM Modi unveils national emblem on new Parliament building
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— ANI Digital (@ani_digital) July 11, 2022
बात करें राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ की तो ये 9500 किलोग्राम के कुल वजन के साथ कांस्य से बना है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है. नये संसद भवन की छत पर अशोक स्तंभ लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया. इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है.