ज्ञानवापी मामला: अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ अर्जी पर सुनवाई की तारीख बढ़ी, अब इन पर भी मुकदमे की मांग

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ज्ञानवापी परिसर में 16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान शिवलिंगनुमा आकृति मिलने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर हिंदु लोगों की धार्मिक भावना को आहत करने वाले बयान देने का आरोप लगाया था. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) उज्जवल उपाध्याय की कोर्ट में आवेदन देकर अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कहा था ‘जहां शिवलिंग मिला है, वहां हाथ-पैर धोना और गन्दा पानी देखकर काशीवासियों समेत पूरे देश का ह्रदय पीड़ा से भर गया है. इसके अलावा अखिलेश यादव का शिवलिंग को लेकर दिया गया बयान भी हिन्दू भावनाओं को आहत करता है. सांसद ओवैसी और उनके भाई भी इस मुद्दे पर आपत्तिजनक बातें कही जा रही है.’ कोर्ट ने इस मामले को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई हुई, जोकि अगले 27 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है.

ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में पत्थर की यह संरचना मिली थी। इसे लेकर हिंदू पक्ष का कहना है कि यह शिवलिंग है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह फव्वारा है।

दरअसल, उज्जवल उपाध्याय के अवकाश पर होने की वजह से अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय का प्रार्थना पत्र अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) की अदालत में पेश किया गया. वहीं, प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 27 जून की तिथि निर्धारित कर दी गई है. इस मामले को लेकर अदालत परिसर में सुबह से गहमा गहमी का माहौल बना रहा.

ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर वाराणसी की कोर्ट में विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से अब तक 7 मुकदमे दाखिल किए जा चुके हैं।

उधर, ज्ञानवापी मामले मंगलवार को विश्व वैदिक सनातन संघ ने ज्ञानवापी परिसर में साक्ष्‍यों के अलावा शिवलिंग को क्षति पहुंचाने के खिलाफा वाद दाखिल करने के लिए जिला न्यायालय में अर्जी दाखिल की गई है. इस अर्जी के अनुसार अंजुमन इंतजामिया कमेटी और अन्‍य सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है. उन पर आरोप है कि मन्दिर के ढांचे को क्षतिग्रस्त करके साक्ष्‍यों संग छेड़छाड़ और हिंदू आस्‍था पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया गया है.

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