अमेरिकी सेना में ट्रांसजेंडरों को सेवा की अनुमति नहीं: ट्रंप
अमेरिका में सेना में ट्रांसजेंडर लोगों की भर्ती पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, सैनफ्रांसिस्को और पोर्टलैंड में प्रदर्शन हुए हैं। ट्रंप ने बुधवार को ट्विटर पर इस प्रतिबंध की घोषणा की और इसके कुछ ही देर बाद इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपने प्रचार अभियानों में लेसबियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और क्वीर (एलजीबीटीक्यू) अमेरिकियों के अधिकारों को समर्थन देने की बात करने वाले ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा, “मेरे जनरलों और सैन्य विशेषज्ञों के साथ परामर्श करने के बाद यह जानकारी दी जा रही है कि सरकार अमेरिकी सेना में किसी भी कार्य में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेवा की अनुमति नहीं देगी।”
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “हमारी सेना को निर्णायक और बड़ी जीत पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और उस पर किसी तरह का चिकित्सकीय भार नहीं डाला जाना चाहिए जो ट्रांसजेंडरों के सेना में शामिल करने से हो सकता है। धन्यवाद।”
मीडिया ‘ के अनुसार, इस फैसले से नाराज सौ से अधिक लोग व्हाइट हाउस के बाहर इकट्ठे हुए। इसमें वे ट्रांसजेंडर भी शामिल थे जो सेना में काम कर चुके हैं। इन लोगों ने कहा कि वे इससे ‘चकित और नाराज’ हैं।
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ट्रांसजेंडर महिला व नौसेना की पूर्व अधिकारी कारा जाजैक ने कहा, “मैं वास्तव में चकित और नाराज हूं। मुझे पता नहीं कि वह कैसे इतनी जल्दी इस निष्कर्ष पर पहुंच गए।”
प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप के खिलाफ तख्तियों पर संदेश लिखे हुए थे। व्हाइट हाउस के सामने वे ‘ट्रांस अधिकार- मानवीय अधिकार’ का नारा भी लगा रहे थे।
20 साल तक सेना में सेवा देने वाली ट्रांसजेंडर महिला मेजर किम्बर्ली मूर ने कहा कि यह ‘घृणित’ है कि देश अपने ट्रांसजेंडर नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा नहीं कर रहा है।
एक्सटर्नल रिलेशंस फॉर नेशनल सेंटर फॉर ट्रांसजेंडर इक्विलटी की निदेशक रैफी फ्रीडमैन-गर्सपैन ने कहा, “पिछले प्रशासन ने ट्रांसजेंडर लोगों को सेवा देने की अनुमति वाली समझदारी भरी योजना पेश की थी, जिसे खुलकर सम्मान देने की जरूरत है।”
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