जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पार्टी में शामिल होने के बाद वहां मौजूद संवादाताओं को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा, ‘शहीदे आजम भगत सिंह को हम नमन करते हैं। मुझे लगता है कि बहुत कुछ कहने की जरूरत नहीं है। सूचना क्रांति के इस युग में सभी को पहले से ही बहुत कुछ मालूम होता है।’ कन्हैया कुमार का विवादों से पुराना नाता रहा है, ऐसे में कांग्रेस में उनकी एंट्री पार्टी को कितना फायदा पहुंचाएगी यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।
आरएसएस पर साधा था निशाना :
कन्हैया कुमार ने फरवरी 2020 में ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। कन्हैया ने अपने ट्वीट में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को धर्म का धंधा करने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि हिंदुओं के लिए धर्म आस्था है और संघियों के लिए धंधा।
हिन्दू होने और संघी होने में क्या फ़र्क़ है?
हिन्दुओं के लिए धर्म आस्था है और संघियों के लिए धंधा।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 6, 2020
भारतीय सेना पर दिया था विवादित बयान:
कन्हैया ने 2016 में भारतीय सेना के खिलाफ राजधानी दिल्ली में बयान देते हुए कहा था कि कश्मीर में भारतीय सेना महिलाओं से बलात्कार करती है, उन पर अत्याचार करती है। जिसके बाद कन्हैया देशभर में लोगों के निशाने पर आ गए थे।
टुकड़े-टुकड़े गैंग से संबंधों का आरोप:
कन्हैया कुमार पर टुकड़े-टुकड़े गैंग से संबंध का भी आरोप लग चुका है। उन पर आरोप था कि उनकी अगुवाई में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगे थे। हालांकि बाद में अदालत ने उन्हें सबूत नहीं मिलने के चलते छोड़ दिया था।
कन्हैया कुमार:
बेगूसराय के बरौनी में जन्मे कन्हैया छात्र जीवन से राजनीति में दो-दो हाथ कर रहे हैं। वह 2015 में एआईएसफ के बैनर तले जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष बने। कन्हैया ने भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वे 4 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे।
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