पंजाब कैसे पहुंची यूपी में रजिस्टर्ड एंबुलेंस, 4 साल पहले खत्म हो चुकी है पंजीकरण की अवधि
पहले ही कई विवादों में घिरे माफिया डॉन और बसपा विधायक मुख्तार अंसारी का विवादों से नाता टूटता नजर नहीं आ रहा है।
पहले ही कई विवादों में घिरे माफिया डॉन और बसपा विधायक मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) का विवादों से नाता टूटता नजर नहीं आ रहा है। इस बार विवाद की वजह वह एंबुलेंस है जिससे डॉन (mukhtar ansari) को जेल से पंजाब के मोहाली कोर्ट ले जाया गया था। इस एंबूलेंस पर रजिस्ट्रेशन नंबर उत्तर प्रदेश का था। एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी41 एटी 7171 है और यह बाराबंकी जिले की है। गाड़ी की पंजीकरण की अवधि 2017 में ही खत्म हो गई थी। तब से इसे नवीनीकृत नहीं कराया गया है। इसके अलावा जिस अस्पताल में यह एम्बुलेंस पंजीकृत थी, उसका नाम भी संदिग्ध है।
पंजीकरण और फिटनेस 2017 में समाप्त
नाम न बताते हुए बाराबंकी आरटीओ के एक अधिकारी ने कहा कि पंजीकरण के अलावा गाड़ी की फिटनेस भी 2017 में समाप्त हो गई थी। इस पूरे मामले में सबसे पेचीदा बात यह है कि पंजाब की रोपर जेल से मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) को ले जाने के लिए उत्तर प्रदेश की एम्बूलेंस का इस्तेमाल किया गया।
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बता दें कि पंजाब पुलिस ने बुधवार को 2019 के एक जबरन वसूली करने के मामले में अंसारी को अदालत में पेश किया था।
भाजपा विधायक अलका राय ने उठाए सवाल
इस बीच भाजपा विधायक अलका राय ने सवाल उठाते हुए कहा, “मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) को यह तथाकथित एंबुलेंस किसने मुहैया कराई, जिससे वे कोर्ट तक गए? इसकी जांच होनी चाहिए। वह एंबुलेंस थी या माफिया डॉन की लग्जरी गाड़ी, इसकी भी जांच होनी चाहिए। किन परिस्थितियों में उप्र के रजिस्ट्रेशन नंबर की गाड़ी पंजाब पहुंची और कैसे इस कार में माफिया डॉन घूम रहा है? ”
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) पर अलका राय के पति कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप है। उनकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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