प्लेन क्रैश में नहीं हुई थी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत : फ्रेंच रिपोर्ट

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नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत के बाद भी ये रहस्य आज तक बरकरार है कि उनकी मौत आखिर कैसे हुई? जिस तरह से भारत सरकार ने नेताजी से जुड़े तमाम डॉक्यूमेंट्स सार्वजनिक किए और इन डॉक्यूमेंट्स के जरिए इस बात की पुष्टि की गई की नेताजी की मौत हवाई दुर्घटना में हुई थी।

वहीं, फ्रांस की खुफिया रिपोर्ट ने इस बात का दावा किया है कि नेताजी की मौत हवाई हादसे में नहीं हुई थीफ्रांस की एक खुफिया रिपोर्ट ने दावा किया है कि नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई थी। इसके बाद अब पेरिस के इतिहासकार जेबीपी मूर का दावा है कि नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई है।

मूर का कहना है कि नेताजी की मौत ताइवान के प्लेन क्रैश में नहीं हुई है। रिपोर्ट में लिखा गया था कि बोस को 1947 के अंत में देखा गया था। इससे साफ होता है कि फ्रेंच सरकार एयरक्रैश में नेता जी की मौत को नहीं मानती थी।

फ्रांसीसी गुप्त दस्तावेजों के अनुसार बोस 18 अगस्त 1945 को हवाई दुर्घटना में मरे नहीं, जैसा कि प्रचारित किया गया था। 11 दिसंबर, 1947 को गुप्त दस्तावेज में बताया गया था कि वह पहचान छिपा कर रह रहे थे। होट कमिसरीट डी फ्रांस फॉर इंडोचाइना एसडीईसीई इंडोचाइना आधारित बीसीआरआई नंबर 41283 सीएसएएच ईएक्स नंबर 616, शीर्षक के तहत सुभाष चंद्र बोस पर अभिलेखीय जानकारी उपलब्ध है।

बता दें कि भारत सरकार ने नेताजी की मौत की वजह जानने के लिए तीन कमीशन का गठन किया। पहली कमेटी का गठन सन् 1956 में शाह नवाज कमेटी के रूप में हुआ, जबकि दूसरी खोसला कमेटी का गठन 1970 में हुआ। दोनों ही कमेटियों की रिपोर्ट में बताया गया है कि नेता जी की मौत 18 अगस्त 1945 को हावई जहाज क्रैश में हुई।

वहीं, 1999 में मुखर्जी कमीशन का गठन हुआ, जिसकी रिपोर्ट अन्य दो कमीशनों से अलग थी। मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया कि नेता जी की मौत हवाई जाहज दुर्घटना में नहीं हुई। हालांकि सरकार ने कमीशन की रिपोर्ट खारिज कर दी।

 

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