प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया से मसूरी एकेडमी के प्रशिक्षु सिविल सेवा के अफसरों को वर्चुअल माध्यम से संबोधन के दौरान कई नसीहतें दीं। उन्होंने फाइलों से निकलकर कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया तो यह भी कहा कि वे हमेशा दिखावे और छपास जैसे रोग से दूर रहें। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ट्रेनी अफसरों से कहा, “मैं जब नौजवान राजनीतिक साथी जो हमारे विधायक है, हमारे सांसद हैं, उनसे से मिलता हूं तो मैं बातों-बातों में जरूर कहता हूं कि ‘दिखास’ और ‘छपास’ ये दो रोग से दूर रहिएगा। मैं आपको भी यही कहूंगा कि टीवी पर दिखना और अखबार में छपना, ये दिखास और छपास का रोग जिसे लगा, वो लक्ष्य नहीं प्राप्त कर पाएंगे, जो लेकर आप सिविल सेवा में आए हैं।”
Today’s Aarambh session was held with young officers who will begin their careers at a time when India marks 75 years of freedom and they would be in important positions when we mark 100 years of freedom. Thus, their efforts will have a major impact in these crucial 25 years. pic.twitter.com/FXu5NcWk7p
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने अफसरों को फील्ड पोस्टिंग के दौरान, कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया।
I urged the young civil servants to make decisions guided by only one consideration- national interest. pic.twitter.com/RT5yXWP9N4
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2020
उन्होंने कहा, “हम ये भी देखते हैं कि अफसरों की पहचान इस बात से बनती है कि वो अतिरिक्त क्या कर रहा है, जो चलता रहा है, उसमें अलग क्या कर रहे है। आप भी फील्ड में, फाइलों से बाहर निकलकर के, रुटीन से अलग हटकर अपने क्षेत्र के विकास के लिए, लोगों के लिए जो भी करेंगे उसका प्रभाव अलग होगा, उसका परिणाम अलग होगा।”
Be it in the civil services or beyond, energy, creativity and freshness are very important. pic.twitter.com/Vpf5U1F73v
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने उदाहरण के तौर पर, आप जिन जिलों में, ब्लॉक में काम करेंगे, वहां कई ऐसी चीजें होंगी, कई ऐसे प्रोडक्ट होंगे, जिनमें एक ग्लोबल पोटेंशियल होगा। लेकिन उन प्रोडक्ट्स को, उन आर्ट्स को, उनके आर्टिस्ट को ग्लोबल होने के लिए लोकल सपोर्ट की जरूरत है। ये सपोर्ट आपको ही करना होगा। ये विजन आपको ही देना होगा।
More than the chair a civil servant occupies, it is the work he or she does that leaves a lasting impact. pic.twitter.com/2GFTQ3cJP9
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2020
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