राम मंदिर: तैयारियों का जायजा लेने अयोध्या पहुंचे सीएम योगी, चार और पांच अगस्त को की दीवाली मनाने की अपील
अयोध्या में श्री राममंदिर के पांच अगस्त को होने वाले भूमिपूजन की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी पहुंचे।
अयोध्या का हवाई सर्वेक्षण
इससे पहले उन्होंने अयोध्या का हवाई सर्वेक्षण किया। इस हवाई सर्वेक्षण के बाद वह साकेत डिग्री कलेज में बने हेलीपैड पर हेलिकाप्टर से उतरे। इसके बाद सीएम योगी राम जन्मभूमि परिसर के लिए रवाना हो गए। 5 अगस्त को भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी भूमि पूजन करने वाले हैं। इसी कार्यक्रम से जुड़ी तैयारियों की सीएम योगी ने जानकारी ली।
भूमि पूजन की तैयारियों की समीक्षा
सीएम योगी ने राम जन्मभूमि परिसर में 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने रामलला का दर्शन भी किये और फिर वे हनुमानगढ़ी भी गए। यहां पर सीएम योगी ने पूजा-अर्चना की। अपने इस यात्रा के दौरान सीएम योगी ने देशवासियों से 4 और 5 अगस्त को दिवाली मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर घर में दीप जलाए जाएं और रामचरित मानस का पाठ किया जाए।
मंच और पंडाल का मुआयना
मुख्ममंत्री ने कार्यक्रम के लिए बनाए गए मंच और पंडाल का मुआयना किया। वे काफी देर यहां पर रुके रहे और एक-एक चीज की जानकारी ली। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से आयोजन स्थल पर तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने खुद ही तैयारियों का निरीक्षण किया और जहां कमी लगी, उसे तुरंत दुरुस्त करने के आदेश भी दिए।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी का संबोधन… https://t.co/qaRQjgcUc3
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 3, 2020
कैबिनेट मंत्री के निधन से हुआ था कार्यक्रम रद्द
योगी रविवार को ही अयोध्या जाने वाले थे, लेकिन कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण के निधन होने से उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। इससे पहले सीएम ने 25 जुलाई को अयोध्या का दौरा किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हनुमानगढ़ी, राम जन्मभूमि परिसर का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास से मुलाकात करेंगे। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी लेंगे।
पांच अगस्त तक चलेगा यह पूजन कार्यक्रम
भूमि पूजन कार्यक्रम को वाराणसी के साथ ही प्रयागराज व अयोध्या के पंडित करा रहे हैं। यह पूजन कार्यक्रम पांच अगस्त तक चलेगा। मंदिर के भूमि पूजन का काम शुरू हो गया है। इससे पहले पंडित कल्किराम ने रामलला के अर्चक को पोशाक के चार सेट के साथ ध्वजा सौंपे हैं।
सोमवार को गणेश जी की पूजा के साथ तीन दिन का अनुष्ठान शुरू हुआ। इसके बाद माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली और भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली की पूजा की गई। अयोध्या और बनारस के 21 पंडित पूजा करा रहे हैं। यहां हर तरफ राम नाम की गूंज है।
मान्यता है कि जनकपुर में विवाह के बाद जब माता सीता अयोध्या आईं तो अपनी कुलदेवी की प्रतिमा भी साथ लाई थीं। उन्होंने राम जन्मभूमि के पास ही इनकी स्थापना की थी। इसी तरह बेनीगंज में बड़ी देवकाली का मंदिर है। मान्यता है कि महाराज सुदर्शन ने द्वापर युग में इन्हें स्थापित किया था।
घर-घर में तैयारी और उल्लास का माहौल
अयोध्या रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के उल्लास में डूबी नजर आ रही है। घर-घर में तैयारी और उल्लास का माहौल है। सड़कों-गलियों से लेकर छतों पर केसरिया पताके लहरा रही है। दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृष्य रामनगरी की अलौकिकता बयां कर रहे हैं।
उधर, कोरोना संकट को देखते हुए लखनऊ से अयोध्या के लिए छह स्पेशल टीम रवाना कर दी गई हैं। ये कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों का कोरोना परीक्षण करेंगी। भूमिपूजन में शामिल होने वाले सभी मेहमानों का कोरोना परीक्षण कराया जाएगा। रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद ही उन्हें भूमिपूजन कार्यक्रम का हिस्सा बनने दिया जाएगा।
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