जीएसटी के तहत आ सकते हैं पेट्रोलियम उत्पाद

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को एक जुलाई से लागू हो रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने के लिए पूरी तरह तैयार है और जीएसटी परिषद को नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत कर लगाने पर फैसले लेने की जरूरत होगी। जेटली ने यहां जीएसटी पर आजतक कॉन्क्लेव में कहा, “जैसा कि राज्य के वित्त मंत्रालयों की इंपावर्ड कमेटी (ईसी) ने फैसला किया है, हमने जीएसटी के लिए पेट्रोलियम को संविधान संशोधन के तहत लाया है..कर तभी लगाई जाएंगी, जब जीएसटी परिषद फैसला करेगा।”

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ऐसे हालात में परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पेट्रोलियम को जीएसटी के तहत लाने के पक्ष में है। हालांकि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारें पेट्रोलियम को जीएसटी के तहत लाने का निरंतर विरोध करती रही हैंउन्होंने कहा, “कांग्रेस नीत सभी राज्य सरकारों ने पेट्रोलियम को जीएसटी के तहत लाने का विरोध किया है। मुझे लगता है कि पार्टी को मुद्दे पर एक ठोस रुख अपनाना चाहिए।”तेल तथा गैस सहित पेट्रोलियम उत्पाद एक रणनीतिक क्षेत्र हैं, जो अभी तक जीएसटी से बाहर है। हालांकि उद्योग को जीएसटी के दायरे में लाने का दबाव बनाया जा रहा है, ताकि लोग इनपुट क्रेडिट के लाभ से वंचित न हों।

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