आखिर दो ग्राम के टिड्डे करोड़ों का नुकसान कैसे कर जाते हैं?
क्या आप सर्जिकल स्ट्राइक से वाक़िफ़ हैं? सर्जिकल स्ट्राइक वो नहीं जो PM मोदी ने कराई थी, वो स्ट्राइक जो टिड्डी दल हमारे खेतों में करने जा रहे हैं। जी हां, सही सुना आपने टिड्डी आर्मी, या फिर टिड्डी दल दोनों ही नाम इनके चरित्र को समझने के लिए काफी हैं।
एक तो पहले से ही पूरा देश लॉकडाउन में था,किसान रो रहे थे, उसी समय इस टिड्डी दल ने भी इन्हीं के खेतों को निशाना बनाया है। यूनाइटेड नेशंस कई दिनों से इनकी चाल-ढाल को देखते हुए भारत को सचेत कर भी रहा है।
हालांकि, सरकार ने इस बात पर गौर भी किया था लेकिन तब भी टिड्डी आर्मी के अटैक को नहीं रोक पाई। मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में कहर बरपाने के बाद टिड्डी दल ने महाराष्ट्र के पूर्वी हिस्सों में भी दस्तक दे दी है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार में प्रशासन ने अलर्ट भी जारी कर दिया है।
इस बार टिड्डे कर रहे हैं हैरान!-
मुसीबत के दौर में परेशानियां लगातार आना चालू कर देती हैं, और वो मुसीबत किस रूप में आएगी और किस तरह की परेशनियां हमारे सामने खड़ी करेंगी उससे हम लगभग अनजान रहते हैं। इस बार टिड्डी आर्मी भी कुछ इसी तरह अलग-अलग देशों में दस्तक दे रही है।
अतीत के विपरीत, इस सीजन में टिड्डों ने अपने हमले की रणनीति में कुछ तरह के बदलाव भी किए हैं। इस बार ये देखने को मिला कि ये अपने मूल स्वभाव से हटकर ज़्यादा ऊंची हाइट पर उड़ रहे हैं। ऐसा ये क्यों कर रहे, इसकी अभी तक कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि ज़्यादा ऊंचाइयों पर उड़ने से जो दवा इनसे बचने के लिए छिडकी जा रही है, उसका कोई प्रभाव इनपर नहीं पड़ेगा।
आखिर क्यों है ये खतरनाक?
आप सभी के मन यही बात आ रही होगी कि आखिर ये ऊंगली बराबर के कीड़े हैं, इसके बावजूद ये हमारे लिए इतने खतरनाक क्यों साबित हो रहे हैं?
आपको बता दें कि ये टिड्डे करीब 2 ग्राम वजन के होते हैं और एक दिन में इन्हें इतनी ही मात्रा के खाने की ज़रूरत पड़ती है, यानि एक दिन में ये सिर्फ 2 ग्राम खाना खा सकते हैं। अब सोचिये शायद ही ये चिंता के कारण होने चाहिये, लेकिन आप इस शब्द पर गौर करिये “आर्मी” या सेना या फिर कोई भी दल। यह उन्हीं को रेखांकित किया जाता है जो एक ग्रुप में होते हैं। इस तरह ये भयानक नुकसान पहुंचाने में सक्षम हो जाते हैं।
वैसे ही टिड्डी आर्मी एक किलोमीटर के दायरे में चलती है, एक किलोमीटर में लगभग 40 से 80 लाख टिड्डे होते हैं। प्रतिदिन ये 130 से 150 किलोमीटर का सफर तय करते हैं, यानि ये एक सफर में 35000 लोगों का खाना चट कर सकते हैं। तो आप इन आकड़ों से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ये कितने खतरनाक हैं। इनका भी पेट भरने वाला वही है जो हमारे आप जैसे लाखों लोगों का पेट भरता है, यह किसान है जो कोरोना के इस काल में रो रहा है।
लेकिन अगर हम एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखें तो पायेंगे कि ये टिड्डे हमें एक मॉरल मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं। “अनेकता में ही एकता है।” अगर हम साथ मिल कर किसी भी लड़ाई को लड़ें तो सफलता ज़रूर मिलेगी।
[bs-quote quote=”यह लेखक के निजी विचार हैं। लेखक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कॉम्युनिकेशन (IIMC) के छात्र हैं।” style=”style-13″ align=”center” author_name=”गौरव द्विवेदी” author_job=”IIMC स्टूडेंट” author_avatar=”https://journalistcafe.com/wp-content/uploads/2020/05/gaurav.jpeg”][/bs-quote]
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