ऋषि कपूर के वो डायलॉग्स, जो हमेशा दर्शकों को याद रहेंगे
बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर अब इस दुनिया में नहीं रहे
बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर अब इस दुनिया में नहीं रहे। गुरुवार को उनका निधन हो गया। उनकी मौत की खबर सुनकर पूरा देश सदमे में हैं। 67 साल के ऋषि कपूर को बुधवार सुबह सेहत में दिक्कत के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। ऋषि कपूर को उनकी बेहतरीन एक्टिंग के लिए जाना जाता है।
बॉबी में हीरो का रोल हो या फिर अग्निपथ में विलेन की भूमिका, उन्होंने अपनी सहजता भरी एक्टिंग से लोगों के दिल में खास जगह बनाई है। फिल्मों में उनके डायलॉग्स आज भी लोगों के दिलों दिमाग में हैं। आइये आज उनके कुछ डायलॉग्स को याद करते हैं।
ऋषि कपूर के बेहतरीन डायलॉग-
“हम दिल्ली वाले मुल्क के साथ-साथ, दिल पे है हुकुम करना जानते हैं।”
चांदनी
“गरमी में गरम चाय, ठंडक पहुंचाती है।”
बॉबी
“सभी इंसान एक जैसे ही तो होते है, वही दो हाथ, दो पांव, आंखें, कान चेहरा, सभी एक जैसे ही तो होते हैं, पर क्यों कोई एक, सिर्फ एक ऐसा होता है, जो इतना प्यारा लगने लगता है, की अगर उसके लिए जान भी देनी पड़े, तो हंसते-हंसते दी जा सकती है।”
प्रेम रोग
“इंसान तो वक्त की तरह होता है, बदलता ही रहता है।”
बोल राधा बोल
“हर इश्क का एक वक्त होता है, वो हमार वक्त नहीं था, पर इसका ये मतलब नहीं कि वो इश्क नहीं था।”
जब तक है जान
“बादशाहत भाईचारे को नहीं देखती।”
औरंगजेब
“शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर गालिब, या वो जगह दिखा दे जहां खुदा न हो।”
फना
“जाने से पहले, एक आखिरी बार मिलना क्यों जरूरी होता है?”
लव आज कल
“बिकते तो सभी है, कुछ पैसों से कुछ जज्बात से।
डी-डे
“एक दिन गलियों का शोर तालियों की गूंज में छुप जाएगा।”
पटियाला हाउस
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