दिल्ली में लॉकडाउन का मखौल उड़ाने वालों की खैर नहीं : JCP

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश में लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ा दी। इसके साथ ही बीते 21 दिनों के लॉकडाउन के अनुभवों से सीखने वाली पुलिस ने भी आने वाले दिनों में सख्ती बरतने के लिए कमर कस ली है।

दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने विशेष बाततीच में माना कि 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान कुछ लोगों ने इसे हल्के में लेने की गलती की थी। वे लॉकडाउन को मजाक समझ रहे थे। अब जब लॉकडाउन अवधि बढ़ाकर तीन मई कर दी गई है तो अब पुलिस लॉकडाउन को मजाक नहीं बनाने देगी।

देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा, 22 मार्च से 14 अप्रैल तक की अवधि में हमने राजधानी में एक अनुमान के हिसाब से रोजाना तीन हजार से ऊपर लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी, जो कि एक रिकार्ड नंबर है।

यानी पुलिस की सख्ती के बाद भी हर रोज किसी न किसी इलाके में लोग लॉकडाउन से खिलवाड़ करते रहे?

इस पर संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा, हां, कुछ लोगों ने लॉकडाउन का मखौल उड़ाने की कोशिश की। हमने सैकड़ों ऐसे नौजवानों को भी लॉकडाउन के दौरान पकड़ा जो, सिर्फ मौज मस्ती के लिए सड़कों पर आ पहुंचे थे। जब उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की गई, तब उन्हें अहसास हुआ कि लॉकडाउन की अहमियत क्या है, और लॉकडाउन को तोड़ना कानूनी रूप से किसी को कितना भारी पड़ सकता है।

लॉकडाउन के दौरान सड़कें सूनी हैं। लोग घरों में कैद हैं। छोटी-बड़ी गलियों तक में सन्नाटा है। इसके बाद भी कई जगह से अपराध की खबरें सामने आती रहीं? श्रीवास्तव ने कहा, बेशक लॉकडाउन के दौरान अपराध हुए मानता हूं। मगर इन अपराधों की श्रेणी बेहद साधारण किस्म की रही। साथ ही भीड़भाड़ न होने के चलते अपराधी बहुत जल्दी और ज्यादा संख्या में पकड़े भी गए। यहां यह भी देखना होगा कि जब आम आदमी की भीड़ ही घरों के बाहर नहीं है तो फिर अपराधी निशाना किसे बनाते।

लॉकडाउन में अधिकांश अपराधियों ने खुद को घरों में कैद कर लिया। इसके बाद भी अपराध की किस तरह की छुटपुट घटनाएं सामने आती रहीं? संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा, अधिकांश मामले शराब तस्करी के ही सामने आए हैं। या फिर कुछ स्थानों पर लोग लॉकडाउन से बेफिक्र होकर सड़कों पर गलियों में वाहन चलाते पकड़े गए। उनके वाहन ही पुलिस ने जब्त कर लिए।

सवाल उठता है कि लॉकडाउन में शराब तस्करों के हौसले बुलंद कैसे हो गए? देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा, शराब के धंधे में जुड़े दिल्ली के छोटे मोटे तस्कर इलाकों से गायब हो गए। आसपास के राज्यों के शराब तस्करों को लगा ऐसे मौके का फायदा उठा लिया जाए।

संयुक्त पुलिस आयुक्त ने आगे कहा, यही वजह है कि, 21-22 दिनों चले लॉकडाउन के दौरान राजधानी में जो भी आरोपी शराब तस्करी में पकड़े गए उनमें, 70-80 फीसदी आरोपी पड़ोसी राज्यों के थे। वे लोग किसी तरह से बार्डर पार करके दिल्ली तो पहुंच गए, मगर दिल्ली में पुलिस ने उनकी शराब आगे नहीं बढ़ने दी। सोमवार को पुल प्रहलादपुर थाना क्षेत्र में तो हमारे पुलिस कंट्रोल रूम और एक घोषित बदमाश शराब माफिया के बीच मुठभेड़-सी हुई। उसका पीछा करके हमने दबोचा था। शराब कारोबार से जुड़े लोग कोशिश में कमी नहीं कर रहे हैं, मगर दिल्ली पुलिस उनकी कोशिशें कामयाब न होने देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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