वाराणसी : गुलाबों की पंखुड़ियां और ठंडाई के साथ मना होली का जश्न
काशी की गुलाबबाड़ी में होली मिलन कर लोगों ने कोरोना फ्री होली मिलन का संदेश दिया
वाराणसी के तेलियाबाग क्षेत्र में गुलाबबाड़ी का आयोजन किया गया। इस गुलाबबाड़ी में गुलाबों की पंखुड़ियां थी और इसके साथ ही ठंडाई भी थी। होली के दूसरे दिन काशी में होने वाला यह कार्यक्रम राजशाही परंपरा की पहचान है। काशी की गुलाबबाड़ी में होली मिलन कर लोगों ने कोरोना फ्री होली मिलन का संदेश दिया।
कभी जो परंपरा राजशाही थी आज भी काशी में वो जिंदा है और इस परंपरा को गुलाबबाड़ी के नाम से जाना जाता है। होली के दूसरे दिन गीत संगीत की महफिल सजती है पारंपरिक चंदन लगाकर टोपी पहनाई जाती है और उड़ती गुलाब की पंखुड़ियों के बीच गुलाबबाड़ी का आयोजन होता है।
गुलाब की पंखुड़ियों के साथ होली मिलन-
बता दें कि होली के रंगों के आयोजन के बाद फूलों और खास करके गुलाब की पंखुड़ियों के साथ मिलन की परंपरा है। कहा जाता है कि राजशाही परंपरा के अनुसार होली के बाद काशी में अन्य राज्य के राजाओं को आमंत्रित कर बुलाया जाता था। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच में होली के बाद होली मिलन की खास परंपरा थी।
इसके बाद ठंडाई और हंसमुख मिजाज के बीच होली मिलन किया गया। इसके साथ ही गीत के माध्यम से कोरोना फ्री होली मिलन का संदेश दिया गया। चंदन लगा टोपी लगी और हाथ जोड़कर कोरोना फ्री होली मिलन किया गया। काशी की खास पहचान गुलाबबाड़ी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही।
यह भी पढ़ें: वाराणसी : बदल गया पीएम के संसदीय कार्यालय का पता, अब मिलेंगी ये सुविधाएं
यह भी पढ़ें: वाराणसी के मंदिर में शिवलिंग को पहनाया गया मास्क