काशी के पुरोहित कोरोना के भय से सेनिटाइजर—मास्क लगाकर करा रहे तर्पण

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आज कोरोना शब्द से सभी भयभीत हैं। भय निरंतर बढता ही जा रहा है। धार्मिक नगरी काशी का गंगा तट भी अब अछूता नहीं रहा है। शुक्रवार को अहिल्याबाई घाट पर इसका स्वरूप देखने को मिला। घाट के प्रमुख तीर्थ पुरोहित व विप्र समाज के सह संयोजक पंडित विशाल औढेंकर ने भी कोरोना के डर से मुंह पर मास्क लगाकर काशी आए जजमानों का वैदिक रीति से कर्मकाण्ड कराया तथा उन्हें भी सचेत करते हुए कहा कि अपने अगल-बगल साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें तथा सुरक्षित यात्रा करते हुए अपने गंतव्य को पहुंचे।

कोरोना से काली नहीं होगी बनारसियों की होली, निकाला नायाब तरीक़ा….

चीन सहित तमाम देशों के बाद भारत में कोराना वायरस के 31 संक्रमित रोगी पाए जाने के बाद पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा में एक ही परिवार के 6 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में एलर्ट जारी कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जहां चिकित्सा विभाग के द्वारा अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाए गए हैं तो वहीं घरों में कोरोना वायरस को लेकर लोगों में भय का माहौल है। यही वजह है कि वाराणसी के बाजारों में मास्क की बिक्री में काफी तेजी आई है। बाजार में भी कोरोना से बचने के लिए अलग-अलग प्रकार के मास्क आए हुए है।

होली नहीं होगी काली

कोरोना वायरस ने भारत में ऐसे समय में दस्तक दी है जब हर किसी पर होली का रंग चढ़ने वाला है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या ये समय होली खेलना उचित है? हालांकि बाजारों में इन दिनों मास्क की बिक्री बढ़ गई है। वजह चीन के बाद देश के तमाम हिस्सों में फैले कोरोना वायरस है। भारत में कोरोना वायरस के दशक के बाद मास्क की बिक्री जहां एक तरफ काफी बढ़ गई है तो वहीं दूसरी ओर बाजार में अनेक प्रकार के मास्क बिक रहे हैं इससे दाम भी काफी बढ़ गए हैं। इससे कम से कम बनारसियों की होली वायरस के साये में काली नहीं होगी। मास्क पहनकर होली खेलते देखना अलग ही अनुभव देगा।

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