बेरोजगारी दर सर्वाधिक, फरवरी में बढ़कर 4 महीने के उच्च स्तर 7.78% पर
स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही
देश में इस समय उच्च बेरोजगारी दर है। फरवरी में बढ़कर 4 महीने के उच्च स्तर 7.78% पर पहुंच गया है। सरकार लाख दावे कर ले पर स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती का असर
फरवरी में बेरोजगारी दर चार महीने के उच्च स्तर पर है। बेरोजगारी दर का यह स्तर देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के असर को दर्शा रहा है। पिछले साल एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि साल 2019 में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊपरी स्तर पर है।
देश में बेरोजगारी दर फरवरी में बढ़कर 7.78%
केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के लाख दावे कर ले, लेकिन आंकड़े कुछ और ही इशारा कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सुस्ती के बाद अब बेरोजगारी के आंकड़े भी सुस्ती का ही संकेत दे रहे हैं। देश में बेरोजगारी दर फरवरी में बढ़कर 7.78% रही, जो अक्टूबर 2019 के बाद सबसे ज्यादा है।
पिछले महीने 7.16% पर
पिछले महीने यानी जनवरी में बेरोजगारी दर 7.16% रही थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। बेरोजगारी दर का यह स्तर देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के असर को दर्शा रहा है। पिछले साल एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि साल 2019 में बेरोजगारी दर 45 साल के ऊपरी स्तर पर है।
अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी घटी
तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में देश की अर्थव्यवस्था पिछले छह सालों में सबसे कम रफ्तार से आगे बढ़ी है। विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस प्रकोप के असर के कारण देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार में अभी और गिरावट की संभावना है। तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर पछली तिमाही के मुकाबले मामूली बढ़कर 4.7 फीसदी रही है। इससे पहले दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 4.5 फीसदी रही थी, जो साढे़ छह वर्षों का निम्न स्तर है।
5% पर रखा विकास दर अनुमान
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था 5.1% की रफ्तार से आगे बढ़ी है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के लिए यह आंकड़ा 6.3% था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 5% आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बरकरार रखा है, जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है। पहली तिमाही में संशोधित वृद्धि दर के 5.6% होने के बावजूद भी 2019-20 में वृद्धि दर 5% रहने का ही अनुमान जताया गया है।
शहरी इलाकों में ज्यादा बेरोजगारी
सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में फरवरी में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.37% रही, जो पिछले महीने 5.97% रही थी, जबकि शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 8.65% रहा, जो जनवरी में 9.70% रहा था।