यह माज की बदकिस्मती थी कि शूटर जिस दिन वारदात को अंजाम देने महिला दरोगा के घर पहुंचे सबसे पहले दरवाजा खोलने पर माज उनका शिकार हो गया।
28 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी
यूपी की राजधानी लखनऊ के चर्चित माज हत्याकांड में अदालत का फैसला आ गया है। अपर सत्र न्यायाधीश स्वप्ना सिंह ने बुधवार को गाजीपुर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय राय समेत सात अभियुक्तों को दोषी करार दिया। इन्हें 28 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी।
कोर्ट ने अभियुक्त संजय राय, रामबाबू, अजीत राय, संदीप राय और राकेश सोनी को आईपीसी की धारा 302, 120बी, जबकि सुनील सैनी उर्फ पहलवान व राहुल राय को आईपीसी की धारा 449, 302, 34 में दोषी करार दिया है। सुनील सैनी को आर्म्स ऐक्ट की धारा में भी दोषी ठहराया गया है। मामले की जांच में संजय राय समेत आठ अभियुक्तों के नाम सामने आए थे। एक अभियुक्त अजीत यादव उर्फ बंटी फरार है।
हथियार ने खोले राज
माज की हत्या किसी फिल्मी मर्डर मिस्ट्री से कम नहीं थी। संजय राय ने पुलिसिया दिमाग लगाते हुए इस पूरे हत्याकांड की साजिश रची थी। हालांकि सर्विलांस की मदद से पुलिस ने उसके पूरे ताने-बाने का पर्दाफाश कर दिया था।
इंदिरानगर इलाके के फरीदीपुर की घटना
इंदिरानगर इलाके के फरीदीपुर में 29 मई को 14 वर्षीय माज की हत्या कर दी गई थी। मासूम को घर में घुसकर हत्यारों ने गोलियों से भून दिया था। बुरी तरह से उलझे इस हत्याकांड में पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद ली तो उसके हाथ शूटर लग गए। उनसे पूछताछ में इस हत्याकांड की साजिश में जो नाम आया उससे पुलिस महकमे को सकते में डाल दिया। जब कड़ियां जोड़ी गईं तो पता चला कि इस पूरे मामले की साजिश ऐंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग सेल के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर संजय राय ने रची थी। उसकी सुपारी पर ही शूटरों ने वारदात को अंजाम दिया था।
गाजीपुर थाने में हुआ था एकतरफा प्यार
संजय राय जब लखनऊ के गाजीपुर थाने का इंजार्ज था, तब उसकी मुलाकात पुलिस विभाग में ट्रेनिंग कर रही एक महिला दारोगा से हुई थी। दोनों में दोस्ती हुई तो शादीशुदा संजय उससे एकतरफा प्यार करने लगा। कुछ दिन सब ठीक चला, लेकिन मार्च 2013 में इन दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था।
संजय राय ने मास्टर प्लान बनाया
एक दिन संजय को पता चला कि उस महिला दरोगा की नजदीकियां अकमल नाम के शख्स से काफी बढ़ गई हैं। उसका महिला दरोगा के घर में आना-जाना भी था। संजय राय को ये बात नागवार गुजरी और उसने एक मास्टर प्लान बनाया। पुलिस के मुताबिक संजय का प्लान था कि अगर महिला दरोगा के घर में परिवार के किसी भी शख्स की हत्या हो जाए तो अकमल को उसमें फंसा कर अपने रास्ते का कांटा निकाल सकता था। इसी प्लान के तहत उसने महिला दरोगा के परिवार में किसी शख्स की हत्या करवाने की सुपारी आजमगढ़ व मऊ के पांच शूटरों को दे दी।