सोनभद्र में सोना मिला, 646 किलोग्राम है स्वर्ण का भंडार
आपको जानकर हैरानी होगी की सोनभद्र क्षेत्र के हरदी में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार है। वहीं सोन पहाड़ी में 2943.25 टन सोने का भंडार होने की बात कही जा रही है। इसके लिए शासन ने ई टेंडरिंग के माध्यम से ब्लॉकों के नीलामी के लिए 7 सदस्यीय टीम का गठन कर किया है।
सोनभद्र की वो जगह
7 सदस्यीय की यह टीम पूरे क्षेत्र की जिओ टैगिंग करेगी। जिसके बाद 22 फरवरी 2020 तक ये टीम अपनी रिपोर्ट भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ को सौंपेगी। खान अधिकारी का कहना है कि सोनभद्र जिले में यूरेनियम के भंडार के मिलने की संभावना है। फिलहाल केंद्रीय और अन्य टीम यूरेनियम के भंडार की तलाश में लगी हुई है।
यही नहीं, सोनभद्र के फुलवार क्षेत्र में सलैयाडीह क्षेत्र में एडालुसाइट और पटवध क्षेत्र में पोटाश, भरहरी में लौहअयस्क और छपिया ब्लाक में सिलीमैनाइट के भंडार का भी पता चला है।
सोनभद्र की सोन पहाड़ी में कितना सोना?
देश की संपन्नता का सबूत सोनभद्र जिले में बड़ी मात्रा में छिपे सोने ने दी है। कहा जा रहा है कि मौजूदा कीमत के हिसाब से यहां तकरीबन 12 लाख करोड़ रुपये का सोना छिपा हुआ है।
अकूत धन-संपदा के साथ भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था लेकिन बलदते वक्त के साथ अलग-अलग आक्रमणकारी खजाना लूटते रहे। कभी मुगलों ने खजाने पर नजरें गड़ाईं तो कभी अंग्रेजों ने लूट को अंजाम दिया। भारत की संपन्नता का अंदाजा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में खनिजों की बड़ी मात्रा से लगाया जा सकता है। कई वर्षों से हो रही खनिज तत्वों की खोज के बीच जमीन के भीतर करीब 12 लाख करोड़ रुपये के छिपे सोने की बात सामने आई है।
हालांकि, यह कोई पहला मौका नहीं है जब खनिजों के इतने बड़े भंडार का पता चला हो। भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के सर्वे में इन पहाड़ियों में तीन हजार टन से ज्यादा सोना दबे होने की संभावना व्यक्त की गई है। सर्वे के दौरान सोनांचल की पहाड़ी में सोने के अलावा, लोहा और भारी मात्रा में दूसरे खनिज भी दबे हैं। सोने की मौजूदा कीमत के हिसाब से इतने सोने का मूल्य करीब 12 लाख करोड़ रुपये है।
सोने की जगहों को चिह्नित
अभिलेखों के मुताबिक, सोनभद्र में सबसे पहले 1980 के दशक में सोने की खोज की गई थी। इसके बाद दूसरी बार कोशिश 1990-1992 में की गई। इस दौरान सोने की जगहों को चिह्नित किया गया था। तीसरी व चौथी कोशिश 2005 से 2012 के बीच की गई। सोनभद्र डीएम ने यह भी बताया कि परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार के लिए राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनजीआरआई), भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले, छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले एवं तथा झारखंड के गढ़वा जिले के आंशिक भू-भागों में हेलिकॉप्टर वाहित भू-भौतिकीय सर्वेक्षण किया जा रहा है।
9 सदस्यीय टीम कर रही है सीमांकन
भू-भौतिकीय सर्वे के दौरान सोनांचल की पहाड़ी में सोने के साथ लोहा सहित भारी मात्रा में दूसरे खनिज भी दबे हैं। जिले के कई भू-भागों में हेलिकॉप्टर से भू-भौतिकीय सर्वे जारी है। इस सर्वेक्षण में विद्युती चुंबकीय एवं स्पेक्ट्रोमीटर उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है। इन उपकरणों का कुछ भाग हेलिकॉप्टर के नीचे लटका रहता है, जो कि जमीन की सतह से 60-80 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए सर्वेक्षण करता है। सोनभद्र डीएम एन. राजलिंगम ने कहा कि जिस जमीन के अंदर यह खनिज संपदा छिपी है, उसके सीमांकन का कार्य गुरुवार को खनिकर्म प्रभारी अधिकारी विजय कुमार मौर्य की अगुवाई में नौ सदस्यीय टीम कर रही है।