फिर गर्माने लगा बीएचयू का माहौल, आन्दोलन की राह पर डिबार हुये तीन छात्र
वाराणसी। शैक्षणिक सत्र शुरु होने के पहले ही काशी हिंदू विश्वविद्यालय का माहौल गरम होने लगा है। प्रवेश परीक्षा को लेकर जारी विवाद काउंसलिंग तक जारी है। प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुये तीन छात्र वीसी आवास के बाहर धरने पर बैठ गये। छात्रों का आरोप है कि कंफ्लिक्ट मैनेजमेंट प्रवेश परीक्षा में छात्रों के चयन के बाद भी एडमिशन नहीं हुआ है।
क्या है पूरा मामला ?
पूरे विवाद का नाता दो साल पहले कैम्पस में हुई घटनाओं से है। लगातार हो रही घटनाओं के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो दर्जन से अधिक छात्रों के खिलाफ एक्शन लेते हुये डिबार की कार्रवाई की थी। इस बीच डिबार हुये तीन छात्रों ने कंफ्लिक्ट मैनेजमेंट प्रवेश परीक्षा दी, जिसमें अच्छी रैंक आई। लेकिन विश्वविद्यालय ने छात्रों को एडमिशन देने से इंकार कर दिया। विश्व विद्यालय प्रशासन के फैसले से खफा छात्र अब सत्याग्रह पर उतर आये हैं। छात्रों ने वीसी आवास के बाहर आमरण अनशन शुरु कर दिया है।
छात्रों ने विश्वविद्यालय पर लगाया मनमानी का आरोप
धरने पर बैठे छात्र रजत बताते हैं, जिन मामलों में उन्हें डिबार किया गया, वो बिल्कुल झूठे थे। पुलिस की रिपोर्ट भी छात्रों के पक्ष में है, बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रशासन मनमानी कर रहा है। रजत बताते हैं की छात्रों के करियर को बर्बाद करने की तैयारी है। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। ये आन्दोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक डिबार हटाया नहीं जाता है। हालांकि इस मसले पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। माना जा रहा है धरना देने वाले छात्रों का अन्दोलन तूल पकड़ सकता है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि आने वाले दिनों में कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठे छात्र डिबार हुये अन्य छात्र भी आन्दोलन में शरीक हो सकते हैं।
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