सुनहरी बाग मस्जिद पर चलेगा बुलडोजर ?
विरोध में आए मुस्लिम राजनेता व जमात-ए-इस्लामी हिंद
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ इलाके में मोतीलाल नेहरू मार्ग पर स्थित सुनहरी बाग मस्जिद इन दिनों चर्चा में है. दरअसल नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने एक इश्तिहार के जरिए इसको हटाने के सिलसिले में जनता से राय मांगी है. बता दें कि दिल्ली सरकार की 2009 की अधिसूचना के मुताबिक मस्जिद को ग्रेड-III विरासत भवन के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. दूसरी ओर नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहा हैं जिसे लेकर विरोध तेज हो गया है.
आपको बता दें कि देश की सबसे पुरानी सुनहरी मस्जिद को लेकर अब राजनेताओं से लेकर प्रमुख मौलानाओं ने इस मस्जिद को हटाने का विरोध किया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने तो पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है.
NDMC को कैसे सुझाव मिले हैं ?
एक रिपोर्ट के मुताबिक NDMC सूत्रों ने बताया कि मेल एड्रेस chief.architecht@ndmc.gov.in पर तीन सौ से ज्यादा सुझाव आए हैं. ज्यादातर सुझावों में मस्जिद को हटाने का विरोध किया गया है. मुस्लिम संगठनों और अल्पसंख्यक कल्याण निकायों से कई ईमेल आए हुए हैं.
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने क्या कहा?
जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मलिक मोतसिम खान ने प्रस्तावित कार्रवाई का विरोध करते हुए मीडिया को दिए बयान में कहा कि हम NDMC के मुख्य वास्तुकार द्वारा दिए गए मनमाने पब्लिक नोटिस से बेहद चिंतित हैं.
“मस्जिद गिराना एक साजिश”…
जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के प्रेसीडेंट मौलाना अरशद मदनी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सुनहरी बाग मस्जिद के लिए हर तरह की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे, मस्जिद को गिराना एक साजिश है. बाबरी मस्जिद फैसले के बाद सांप्रदायिक शक्तियों का हौंसला बढ़ गया है, उनकी निगाहें हमारी इबादतगाहों पर हैं. हम मस्जिद की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे, प्रशासन को गैरकानूनी कार्य से बचना चाहिए.
नेताओं ने जताई आपत्ति
अमरोहा से लोकसभा सांसद दानिश अली ने मस्जिद को हटाने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है. कहा है कि मस्जिद की ऐतिहासिक और पुरातात्विक अहमियत है.विरासत संरक्षण समिति (Heritage Conservation Committee) को एक पत्र लिखते हुए दानिश अली ने कहा कि मस्जिद के “ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व” को देखते हुए, ऐसा “कठोर कदम अनुचित” है.
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कितनी पुरानी है मस्ज़िद
जो संस्था इस मस्जिद को बचाने में लगी हुई उसका दावा है कि ये एक ऐतिहासिक मस्जिद है जो मुगलकालीन शासन और संस्कृति को दर्शाती है और अभी तक इस्तेमाल में हैं. लुटियंस जोन में मोतीलाल नेहरू मार्ग, राजपथ क्षेत्र में केंद्रीय सचिवालय के नजदीक स्थित इस मस्जिद के 19वीं सदी के नक्शे में मस्जिद को हकीम जी का बाग के रूप में दिखाया गया है ,जो बाद में सुनहरी बाग के नाम से जाना गया. इमाम अजीज के मुताबिक मस्जिद 150 साल से ज्यादा पुरानी है.
सुनहरी बाग मस्जिद का स्वतंत्रता सेनानी से कनेक्शन
जमात-ए-इस्लामी हिंद उपाध्यक्ष ने कहा कि जमात, भारत सरकार को याद दिलाना चाहेगी कि स्वतंत्रता सेनानी और सांसद सदस्य मौलाना हसरत मोहानी (जिन्होंने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा दिया था) संसद सत्र में भाग लेने के दौरान सुनहरी मस्जिद में रुका करते थे.