भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। यह पर्व भारत समेत पूरे विश्व में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इसलिए हर साल इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
वैसे तो हर साल स्मार्त और वैष्णव की अलग-अलग जन्माष्टमी होती थी, इसका कारण ये था वैष्णव उदयातिथि और स्मार्त वर्तमान तिथि को मानते हैं।
27 साल बाद बन रहा विशेष संयोग-
लेकिन 27 साल बाद यह पहला मौका पड़ रहा है जब श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त को एक ही दिन मनाई जाएगी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।
इस बार भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि 29 अगस्त की रात 11.27 बजे से 30 अगस्त की रात 1.59 बजे तक रहेगी।
30 अगस्त की सुबह 6.38 बजे से 31 अगस्त सुबह 9.43 बजे तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा।
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