वाराणसी में वक्फ बोर्ड की 1469 संपत्तियां, दो साल पहले हुई थी जांच
वाराणसी: भाजपा सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व मदरसों के सर्वे का सर्वे का आदेश दिया था. इसके साथ ही वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच भी शुरू हो गई थी. शासन की ओर से इस आशय का आदेश जारी किया गया था कि बंजर, भीटा, ऊसर भूमि अगर वक्फ के रूप में दर्ज है तो अब इसे खारिज कर पुन: बंजर, ऊसर भूमि राजस्व दस्तावेज में दर्ज किया जाए.
साल 2022 के शासन के आदेश के क्रम में वाराणसी के जिलाधिकारी की ओर से जिले के सदर, राजातालाब व पिंडरा तहसील के एसडीएम की अगुवाई में टीम गठित कर इसकी जांचकर एक माह के अंदर रिपोर्ट देने को निर्देश दिया गया था. इसके बाद वक्फश बोर्ड में हडकंप मच गया था. वाराणसी में वक्फह बोर्ड की कुल 1469 संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं.
ये है वक्फ बोर्ड की संपत्ति
वक्फ संपत्ति दो तरह की होती है. समुदाय से जुड़े लोग मस्जिद, इमामबाड़ा समेत अन्य धार्मिक कार्य के लिए अपनी जमीन बैनामा यानी वक्फ बाई डीड करते हैं. बैनामा की इस सपंत्ति को अलल औलाद भी कहते हैं. डीड में कुछ लोग अपने परिवार को देखरेख की जिम्मेदारी तय करते हैं. कुछ वक्फ के हवाले कर देते हैं. दूसरी संपत्ति वक्फ बाई यूजर है यानी अपनी जमीन धार्मिक प्रयोजन में स्वयं इस्तेमाल करते हैं.
शासन का आदेश
शासन ने दो वर्ष पूर्व वक्फ बोर्ड से जुड़े 33 साल पुराने आदेश को रद्द कर दिया था. सात अप्रैल, 1989 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक आदेश जारी किया था. कहा गया था कि यदि सामान्य संपत्ति बंजर, भीटा, ऊसर आदि भूमि का इस्तेमाल वक्फ के रूप में किया जा रहा हो तो उसे वक्फ संपत्ति के रूप में ही दर्ज कर दिया जाए. इसके बाद सीमांकन किया जाए. इस आदेश के चलते प्रदेश में लाखों हेक्टेयर बंजर, भीटा, ऊसर भूमि वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गई.
तत्काीलीन राजस्व परिषद के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने 33 साल पुराने आदेश को समाप्त कर दस्तावेजों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने वाराणसी के डीएम को पत्र भेजकर इस तरह के सभी भूखंडों की सूचना एक माह में मांगी थी. साथ ही अभिलेखों को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे.
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-जिले में वक्फ बोर्ड की 1469 प्रापर्टी पंजीकृत
-1348 प्रापर्टी जुड़ी हैं सुन्नी समुदाय से
-121 प्रापर्टी शिया समुदाय के नाम दर्ज