…स्मार्ट बनेंगे शहर!

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शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार को दिल्ली में 13 नए शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने का ऐलान किया। पहले राउंड में सरकार ने 20 शहरों को स्मार्ट बनाने की घोषणा की थी। स्मार्ट सिटी के लिए इन शहरों का चुनाव राज्यों के बीच फास्ट ट्रैक स्मार्ट सिटी कंपीटिशन के बाद किया जाता है। मोदी सरकार ने 2022 तक 100 स्मार्ट शहर बनाने का लक्ष्य रखा है। स्मार्ट शहरों में बिजली, पानी, परिवहन और स्वच्छता जैसी आधारभूत सुविधाओं के अलावा इंटरनेट संपर्क और ई-गवर्नेंस भी स्थापित किया जाएगा। इस सारी प्रक्रिया में इन शहरों में निवेश बढ़ाने और लोगों के लिए लाखों नौकरियां पैदा करने की भी योजना है।

13 नए शहरों को स्मार्ट बनाने की घोषणा

केंद्र सरकार ने मंगलवार को 13 और शहरों को स्मार्ट सिटी के रुप में विकसित करने की घोषणा की। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने बताया कि विभिन्न राज्यों के 23 शहरों में और 13 शहरों को स्मार्ट सिटी के रुप में विकसित करने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि 23 शहरों की प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने प्राप्त किया है। लखनऊ ने प्रतिस्पर्धा में 19 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।

शहरों की लिस्ट

लखनऊ (यूपी), भागलपुर (बिहार), न्यू टाउन कोलकाता (पश्चिम बंगाल), फरीदाबाद (हरियाणा), चंडीगढ़ (यूटी), रायपुर (छत्तीसगढ़), रांची (झारखंड), धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश), वारंगल (तेलंगाना), पणजी (गोवा), अगरतला (त्रिपुरा), इम्फाल (मणिपुर), पोर्ट ब्लेयर (अंडमान एंड निकोबार)।

पहले राउंड में 20 शहरों का हुआ था एलान

जनवरी में जब सरकार ने 20 शहरों की लिस्ट जारी की थी। तब ये आरोप लगा था कि केवल उन राज्यों के शहरों को लिस्ट में रखा जा रहा है, जहां भाजपा या एनडीए की सरकारें हैं। आरोप था कि यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के शहरों को छोड़ दिया गया है। बिहार की सीएम नीतीश कुमार ने तो इसे गैर बराबरी की साजिश करार दिया था। पहले राउंड में यूपी के 12 शहरों ने दावा किया था, लेकिन किसी को भी स्मार्ट सिटी की लिस्ट में जगह नहीं मिल पाई थी।

शहरों की लिस्ट

भुवनेश्वर (ओडिशा), पुणे (महाराष्ट्र), जयपुर (राजस्थान), सूरत (गुजरात), कोच्चि (केरल), अहमदाबाद (गुजरात), जबलपुर (मध्यप्रदेश), विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), सोलापुर (महाराष्ट्र), धवनगिरि (कर्नाटक), इंदौर (मध्यप्रदेश), एनडीएमसी (दिल्ली), कोयटंबूर (तमिलनाडु), काकीनाडा (आंध्रप्रेदश), उदयपुर (राजस्थान), गुवाहाटी (असम), चेन्नई (तमिलनाडु), लुधियाना (पंजाब), भोपाल (मध्यप्रदेश)।

एक शहर कब हो जाता है स्मार्ट

मोदी सरकार भारत के सौ शहरों को ‘स्मार्ट’ बनाना चाहती है। लोगों में भी चाह है कि वे स्मार्ट शहरों के निवासी कहलाएं, लिहाजा इस परियोजना पर उनकी नजर भी बनी हुई है। लेकिन एक बड़ा सवाल सभी के सामने है और वो ये है कि एक शहर आखिर ‘स्मार्ट’ कब कहलाता है।

बिजली और पानी

स्मार्ट सिटी में 24 घंटे पानी और बिजली की सुविधा हो। 100 फीसदी घरों में बिजली कनेक्शन हों। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो। लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए। प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।

शिक्षा

स्मार्ट शहर का 15 प्रतिशत इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो। हर 2500 लोगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो। इसके अलावा सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो। 10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज की सुविधा हो।

स्वास्थ्य

स्मार्ट सिटी में हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो। एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो। हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो। इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।

परिवहन

स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो। कम से कम दो मीटर चौड़े फुटपाथ हों। रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा हो।

रिहाइश

95 फीसदी रिहाइशी इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और रीक्रिएशन पार्क मौजूद हों। 20 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों। कम से कम 30 फीसदी रिहाइशी और कमर्शियल इलाके बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।

रोजगार

स्मार्ट सिटी में निवेस ऐसा आए जिससे वहां या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके मिलें। स्मार्ट सिटी के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।

वाई-फाई

100 प्रतिशत घरों तक वाईफाई की सुविधा हो। 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाईफाई पर मिले।

किस राज्य में होंगे कितने स्मार्ट शहर

– उत्तर प्रदेश: 13 शहर

– तमिलनाडु : 12 शहर

– महाराष्ट्र : 10 शहर

– मध्य प्रदेश : 7 शहर

– गुजरात : 6 शहर

– कर्नाटक : 6 शहर

– पश्चिम बंगाल: 4 शहर

– राजस्थान : 4 शहर

– आंध्र प्रदेश, बिहार, पंजाब : तीन-तीन शहर

– छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओडिशा, हरियाणा- दो-दो शहर

– दिल्ली, केरल, झारखंड, गोवा, हिमाचल प्रदेश- एक-एक शहर

– अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड- एक-एक शहर

– सिक्किम, त्रिपुरा, चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, पुदुच्चेनरी- एक-एक शहर

– उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दादरा-नगर हवेली, दमन-दीव, लक्षद्वीप- एक-एक शहर

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