BIG NEWS : रोटी के इंतजार में टूट गईं सांसे

0

ग्यारह साल की मासूम ने अपनी मां की गोद में भात भात कहते दम तोड़ दिया। गरीबी से लाचार और बेबस मां अपने कलेजे के टुकड़े को दम तोड़ता देखती रहीं। ये मामला झारखंड का हैं। झारखंड के सिमडेगा जिले के एक गांव में भूख से एक बच्ची के मरने की खबर है। 11 साल की संतोष कुमारी ने पिछले कई दिनों से नहीं खाया था।

ALSO READ : BIG NEWS : राम की मूर्ति के लिए चांदी के तीर देंगे मुस्लिम

संतोष अपने परिवार के साथ कारीमाटी मे रहती थी। यह सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड की पतिअंबा पंचायत का एक गांव है। संतोष की मां कोयली देवी का कहना है, ”मैं चावल लेने के लिए राशन की दुकान पर गई थी लेकिन राशन वाले ने मुझे राशन देने से मना कर दिया।

आठ महीने से उन्हें राशन देना बंद कर दिया था

”मेरी बेटी भात-भात पुकारते हुए मर गई।” कोयली देवी के पास बीपीएल कार्ड था लेकिन राशन नहीं मिलता था। बताया जा रहा है कि राशन वाले ने आधार लिंक नहीं होने की वजह से उनका कार्ड कैंसिल कर दिया था। मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो गांव के राशन वाले ने पिछले आठ महीने से उन्हें राशन देना बंद कर दिया था।

also read : कोई भी GST के विरोध में नहीं है : PM मोदी’’

राशन देने से इंकार नहीं किया जा सकता है

क्योंकि, उनका राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं था। हालांकि झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री का कहना है कि हमारी तरफ से साफ निर्देश है कि जिन लोगों का राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं है उन्हें राशन देने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

तो मिड डे मील के जरिए संतोष को खाना मिल जाता था

सरकार की लिस्ट में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले संतोष के परिवार के पास कोई नौकरी नहीं है, न ही इनके स्थायी आमदनी का कोई जरिया है। संतोष की मां लोगों के घर में काम करके कुछ ले आती है जिससे गुजारा होता है। पिछले कई दिनों से वह भी कहीं नहीं जा पा रही थी। पिता मानसिक रूप से बीमार है। ऐसे में पूरा परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत मिलने वाले सरकारी राशन पर ही निर्भर था लेकिन सरकार की औपचारिकता पूरी नहीं कर पाने के चलते इन्हें इसका लाभ नहीं मिल सका। खबरों की मानें तो मिड डे मील के जरिए संतोष को खाना मिल जाता था लेकिन उन दिनों दशहरे की छुट्टियों के चलते स्कूल बंद थे।

ALSO READ : OMG : ये सरकार बांटेगी सोने की बिस्किट !

लेकिन उसके घऱ की हालत बेहद खराब हो चुकी थी

संतोष की मौत पर सिमडेगा के उपायुक्त मंजूनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि इस बच्ची की मौत भूख से नहीं बल्कि मलेरिया से हुई है। लेकिन इलाके की सामाजिक कार्यकर्ता तारामणि साहू ने मीडिया को बताया कि संतोष को इलाके की एएनएम वर्कर ने 27 सितंबर (संतोष की मौत से एक दिन पहले) देखा था उसे बुखार नहीं था।

also read : Diwali offer : Paytm मॉल पर दोपहिया वाहन बुकिंग पर ईनाम

एक महीने के बाद संतोष की मौत हो गई

तारामणि साहू ने कहा, “कोयली देवी का राशन कार्ड रद्द होने के बाद मैंने उपायुक्त के जनता दरबार मे 21 अगस्त को इसकी शिकायत की। 25 सितंबर के जनता दरबार में मैंने दोबारा यही शिकायत कर राशन कार्ड बहाल करने की मांग की। तब संतोष जिंदा थी। लेकिन उसके घऱ की हालत बेहद खराब हो चुकी थी। लेकिन, मेरी बात पर ध्यान नही दिया गया और इसके महज एक महीने के बाद संतोष की मौत हो गई।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More