हरियाणा: विधानसभा में सर्वसम्मति से जाट आरक्षण विधेयक पारित

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चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा ने जाट व अन्य समुदायों को आरक्षण देने के प्रावधान वाले एक विधेयक को सर्वसम्मति से मंगलवार को पारित कर दिया। जिस वक्त इस विधेयक को पारित किया जा रहा था, कांग्रेस सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे।

विधेयक पारित होने के बाद अन्य समुदाय के लोगों व यहां तक कि कुछ जाट नेताओं व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सांसद ने इसका विरोध किया। हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सरकारी सेवाओं व शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण) विधेयक, 2016 को विधानसभा के जारी सत्र में पेश किए जाने के 15 मिनट के अंदर ही ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

इस विधेयक को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पेश किया। विधेयक पर कोई चर्चा नहीं हुई। विधेयक पारित होते वक्त सदन में भाजपा व इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के सदस्य मौजूद थे, जबकि कांग्रेस सदस्य अनुपस्थित थे।

राज्य कैबिनेट ने उस विधेयक को सोमवार को मंजूरी दे दी थी, जिसमें राजनीतिक रूप से प्रमुख जाट समुदायों व चार अन्य समुदायों -जाट सिख, त्यागी, विश्नोई व रोर्स- को आरक्षण देने की बात थी। खट्टर ने कहा कि इस विधेयक का पारित होना एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में जाटों व अन्य समुदायों को आरक्षण प्रदान करने का वादा पूरा किया।

विधेयक पारित करने के बाद खट्टर ने संवाददाताओं से कहा कि काफी शोध के बाद इस विधेयक को लाया गया। इस विधेयक से हर समुदाय लाभान्वित होंगे। किसी भी समुदाय को नुकसान नहीं होगा। वहीं, इस विधेयक पर विधानसभा में जाट नेता बंटे दिखे।

एक तरफ जाट नेता हवा सिंह सांगवान ने विधेयक का स्वागत किया, वहीं दूसरी तरफ एक अन्य जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा कि विधेयक से जाट समुदाय को बहुत लाभ नहीं होने वाला।कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री अजय सिंह यादव ने इस विधेयक का पारित होना हरियाणा के लिए ‘काला दिन’ करार दिया।

उल्लेखनीय है कि हाल में जाट समुदाय के लोगों द्वारा राज्य में नौ दिनों के भीषण आंदोलन के बाद भाजपा सरकार ने राज्य में जाटों व अन्य समुदायों को आरक्षण देने का वादा किया था। इस हिंसक आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 320 लोग घायल हो गए थे। करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था।

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