रक्षा मंत्री ने पेश की नई रक्षा खरीद नीति
पणजी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित ‘रक्षा खरीद प्रक्रिया’ जारी की और कहा कि इससे सेनाओं के लिए साजो-सामान की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, काम तेजी से हो सकेगा तथा इससे सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बल मिलेगा तथा आयात पर निर्भरता कम होगी।
पर्रिकर ने यहां से 50 किलोमीटर पर बेतुल-नाक्यूरी गांवा में चार दिन की रक्षा प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) से मेक इन इंडिया के एजंडा को आगे बढ़ाया जा सकेगा और साथ ही इससे भारत के रक्षा उद्योग नेटवर्क के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि नई डीपीपी से अधिक पारदर्शिता आएगी और मंजूरियों में तेजी लाई जा सकेगी। डीपीपी को अभी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन डाला गया और 15 दिन में इसकी मुद्रित प्रतियां उपलब्ध करा दी जाएंगी।
पर्रिकर ने कहा कि विदेशी कंपनियों द्वारा पूर्व में जताई गई चिंताओं को इस नीति के जरिये अगले तीन से चार महीने में दूर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नई नीति में एक नई भारतीय डिजाइन, विकसित तथा विनिर्मित (आईडीडीएम) श्रेणी पेश की गई है जिससे स्थानीय इकाइयों को फायदा होगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा निर्यात मंजूरियां ऑनलाइन दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नीति में ‘स्टार्ट अप इंडिया’ पहल को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में हर साल बदलाव आ रहा है और भारत में इसका इस्तेमाल अपने रक्षा उत्पादन में करने की क्षमता है।