बाप को आतंकियों ने मारा, बेटे ने किया टॉप
जम्मू। जिद नाम है उस हौसले का जिसमें नामुमकिन को मुमकिन बनाने का जुनून हो। बिरले ही होते हैं ऐसे जिद्दी लोग जिनके मजबूत इरादों के सामने हर कोई घुटने टेकने को मजबूर हो जाता है। ऐसा ही एक नाम है सोनक सिंह, जिनके पिता को आतंकियों ने गोलियों से भून दिया लेकिन सोनक हौसला नहीं हारे और दसवीं के बोर्ड परीक्षा में राज्य भर में टॉप करके अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। सोनक का सपना अब एयरफोर्स में पायलट बनने का है।
सोनक सिंह ऊधमपुर जिले के दूरदराज के पंचैरी इलाके मे गहलोत गांव के रहने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर शिक्षा बोर्ड मे उन्होंने 92 प्रतिशत लाकर राज्य में टॉप किया है। सोनक का कहना है कि अब उनका सपना एयरफोर्स में पायलट बनकर आतंकियों का सामना करना है। सोनक सिंह के पिता गोपाल सिंह वीडीसी (विलेज डिफेंस कमेटी) के सदस्य थे। उन्होंने कई आतंकियों को सेना व पुलिस के साथ मिलकर मार गिराया था। लेकिन आतंकियो ने 2001 मे घात लगाकर गोपाल सिंह पर हमला किया जिसमें वह शहीद हो गए।सोनक सिंह के टॉप करने की खबर जब सेना के अधिकारियों को मिली तो सेना अब सोनक के सपने को पूरा करने का बीड़ा उठा लिया है। सोनक के आगे की पढ़ाई सेना ही पूरी करवाएगी। सेना अब सोनक को आर्मी स्कूल में पढ़ाने का फैसला किया है। पढ़ाई के साथ-साथ सोनक के रहने खाने का भी खर्च सेना ही मुहैया करवाएगी।ऊधमपुर के 19वीं कोर के प्रवक्ता कर्नल एस डी गोस्वामी ने कहा कि सोनक सिंह का सपना अब सेना का मिशन है और उनका सारा खर्च सेना ही उठाएगी। गोस्वामी ने कहा कि सोनक का सपना एयरफोर्स में पायलट बनने का है और उन्हें हम हर सुविधा देंगे।पिता के निधन के बाद सोनक की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई थी। सोनक की मां को सरकार ने स्कूल में माया का काम दिया जिसमें उन्हें दो-तीन हजार वेतन मिलते हैं। इतने कम वेतन में तीन बच्चों का पालन-पोषण करना बहुत मुश्किल हो गया था। जिस कारण सोनक की मां को खेतों में भी काम करना पड़ा। लेकिन सोनक की मेहनत रंग लाई और सरकारी विद्यालय में पढ़कर उन्होंने साबित कर दिया कि ‘पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है’।