गुलाबी गैंग के बाद अब ‘यलो गैंग’

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आगरा। गुलाबी गैंग की तर्ज पर ‘सशक्त महिला सेना’ महिला उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद कर रही है। इस महिला सेना की ड्रेस पीली साड़ी और हथियार है लाठी तथा बेलन। ये हथियार खुद की रक्षा के लिए हैं।

‘सशक्त महिला सेना’ महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार की सूचना मिलने पर सहायता के लिए पहुंचती हैं और उन्हें न्याय भी दिलाती हैं। कुछ महिलाओं से शुरू हुआ यह संगठन आज ढाई हजार महिला सदस्यों के साथ यलो गैंग (पीली गैंग) के नाम से भी जाना जाता है।

सशक्त महिला सेना की प्रमुख शबाना खंडेलवाल ने बताया, ‘महिला सेना की ओर से आगरा के मॉल, बाजार, कॉलेज और स्कूलों शिकायत पेटिकाएं रखवाईं गई हैं। इन पेटिकाओं में कोई भी महिला, युवती अपनी शिकायत लिखकर डाल सकती है। उसकी शिकायत सुनी जाएगी। इसके बाद प्रयास किया जाएगा कि उसकी समस्या का समाधान किया जाए।

सशक्त महिला सेना की ओर से अदालत भी लगाई जाती है। इस अदालत में दोनों पक्षों को सामने बुलाया जाता है। अदालत की तरह ही दोनों पक्षों की बात सुनी जाती है। इसके बाद प्रथम प्रयास रहता है कि दोनों पक्षों के बीच सुलह करा दी जाए। यदि किसी भी रूप में बात नहीं बनती है, तो बीच का समाधान निकालकर दोनों पक्षों को संतुष्ट कर दिया जाता है।

शबाना खंडेलवाल ने बताया कि सैकड़ों मामलों का निपटारा इस अदालत में हुआ है। ये है सशक्त महिला सेना का उद्देश्य किसी भी महिला के साथ हो रहे अत्याचार को रोकना प्रमुख उद्देश्य है। किसी भी युवती के साथ होने वाली घटनाएं, जिन्हें वे शर्म या अन्य कारणों से किसी को नहीं बताती हैं, उनका साथ देते हैं। महिलाओं और युवतियों के लिए चलने वाली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाते हैं।

सशक्त महिला सेना की प्रमुख शबाना खंडेलवाल ने बताया कि इस संगठन को एक वर्ष पूर्व शुरू किया गया था। इससे पहले हमारे साथ संरचना विकास समिति के बैनर तले कुछ महिलाएं जुडी हुईं थीं, लेकिन इस संगठन के शुरू होते ही यह कारंवा बढ़ना शुरू हो गया। आज ढाई हजार महिलाएं सशक्त महिला सेना से जुड़ चुकी हैं। एक मार्च को फतेहपुर सीकरी में बैठक की थी, जहां से 300 महिलाएं हमारे साथ जुड़ीं।

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